भारत के लोकसभा चुनाव 2024 के आसपास आते ही सोशल मीडिया पर फेक खबरों के शेयर करने का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। इस समय भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक के बाद एक फर्जी दावे और अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जो जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं।

लोकसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर फेक खबरों को शेयर करने का सिलसिला बढ़ गया है

लोकसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर फेक खबरों को शेयर करने का सिलसिला बढ़ गया है

सोशल मीडिया पर यहां तक की छोटे से लेकर बड़े फेक खबरें भी वायरल हो रही हैं। इन खबरों में विभिन्न राजनीतिक पक्षों को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे की जनता में उनके प्रति आपसी विश्वास कम हो सकता है।

इस मामले में जनता के बीच असहमति बढ़ रही है, और वे सोशल मीडिया पर ऐसी खबरों को लेकर सतर्क हो रहे हैं। चुनाव आयोग ने भी इस मुद्दे पर सतर्कता बढ़ाई है और लोगों को सत्यापन की महत्वपूर्णता को समझाया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि फेक खबरों का यह शेयर करने का सिलसिला चुनावी प्रक्रिया पर बुरा प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि जनता गलत जानकारी के आधार पर अपना वोट दे सकती है।

इस समय, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फेक न्यूज को रोकने और उसकी प्रसारण को रोकने के लिए भारतीय सरकार की भी कड़ी नजर है। लोगों को सत्यापित सूत्रों से ही खबरों की प्रामाणिकता को जाँच करने की सलाह दी जा रही है।

यहां तक कि सोशल मीडिया कंपनियों भी फेक न्यूज को पहचानने और उसे रोकने के लिए नई तकनीकी उपायों पर काम कर रही हैं।

इस समय लोकसभा चुनाव के चलते फेक न्यूज को लेकर जनता में उच्च सतर्कता बनाए रखना ज़रूरी है, ताकि उनका वोट सच्चाई के आधार पर दिया जा सके। इसी तरह सरकार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, और जनता साथ मिलकर इस मुद्दे पर काम करें तो ही देश की लोकतंत्र में सदैव स्थिरता बनी रहेगी।

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