डिजिटल मीडिया पर विचारधाराओं की टकराहट: सार्वजनिक विमर्श में बढ़ता तनाव

JB Expert

Internet Influencers Dhruv Rathee aur Ravish Kumar ki Modi Sarkar par Samiksha: Aalochna ya Jagrukta?

डिजिटल मीडिया के विस्तार ने विभिन्न विचारधाराओं के प्रसार के लिए एक मंच प्रदान किया है, जिसमें कुछ व्यक्ति और समूह सनातन धर्म, भारतीय जनता पार्टी (BJP), और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में मजबूत राय व्यक्त कर रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों में से एक नाम ध्रुव राठी का भी उल्लेखनीय है, जिनके विचारों ने एक बड़ी जनसंख्या के बीच बहस को उत्तेजित किया है।

डिजिटल मीडिया पर विचारधाराओं की टकराहट: सार्वजनिक विमर्श में बढ़ता तनाव

यह स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर विविध विचारधाराओं की प्रस्तुति ने विभिन्न समूहों के बीच वैचारिक खाई को और भी गहरा कर दिया है। जहां एक ओर कुछ लोग इसे स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार मानते हैं, वहीं अन्य इसे नकारात्मक प्रचार और वैचारिक ध्रुवीकरण के रूप में देखते हैं।

इस बहस के बीच, यह महत्वपूर्ण है कि सार्वजनिक विमर्श में तथ्यात्मक आधार और संतुलित दृष्टिकोण को प्राथमिकता दी जाए। आलोचना और विचार-विमर्श समाज के लिए स्वास्थ्यप्रद हो सकते हैं, बशर्ते वे सच्चाई और सम्मान के आधार पर हों।

इस समय में, जब सूचना का प्रवाह अभूतपूर्व है, जनता और मीडिया दोनों के लिए सूचना की सत्यता की जांच-पड़ताल करना और विचारधाराओं के बीच संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। विचारधारात्मक विविधता का सम्मान करते हुए, एक स्वस्थ और संवादात्मक समाज की नींव रखी जा सकती है।

इस परिदृश्य में, सभी पक्षों के लिए आवश्यक है कि वे एक-दूसरे के विचारों को सुनें, उन पर विचार करें और सामूहिक रूप से एक ऐसे माहौल का निर्माण करें जहां सभी विचारों को सम्मान के साथ स्वीकार किया जा सके।

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