भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यहां की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर करता है। किसानों की आय में वृद्धि और कृषि के क्षेत्र में सुधार लाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) की शुरुआत की। यह योजना राज्य सरकारों को अपनी कृषि और संबद्ध गतिविधियों के क्षेत्र में विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) की शुरुआत वर्ष 2007-08 में की गई थी। इसका उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करना और राज्यों को कृषि योजनाओं के लिए अतिरिक्त धनराशि प्रदान करना है। योजना का मुख्य लक्ष्य कृषि क्षेत्र की विकास दर को बढ़ाना और इसे स्थिर रखना है ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके।
उद्देश्य:
आरकेवीवाई का उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करके बारहवीं पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान वांछित वार्षिक वृद्धि हासिल करना और उसे बनाए रखना है। योजनाओं के मुख्य उद्देश्य हैं:
कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश बढ़ाने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित करना।
कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र की योजनाओं की योजना बनाने और क्रियान्वयन की प्रक्रिया में राज्यों को लचीलापन और स्वायत्तता प्रदान करना।
कृषि-जलवायु परिस्थितियों, प्रौद्योगिकी की उपलब्धता और प्राकृतिक संसाधनों के आधार पर जिलों और राज्यों के लिए कृषि योजनाओं की तैयारी सुनिश्चित करना।
यह सुनिश्चित करना कि राज्यों की कृषि योजनाओं में स्थानीय आवश्यकताएं/फसलें/प्राथमिकताएं बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित हों।
केंद्रित हस्तक्षेप के माध्यम से महत्वपूर्ण फसलों में उपज अंतराल को कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करना।
कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में किसानों को अधिकतम लाभ प्रदान करना।
कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के विभिन्न घटकों के उत्पादन एवं उत्पादकता में समग्र रूप से सुधार लाकर मात्रात्मक परिवर्तन लाना।
मुख्य विशेषताएँ:
राज्यों को वित्तीय सहायता: राज्यों को उनकी आवश्यकता और प्रदर्शन के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता कृषि, मत्स्य पालन, पशुपालन, बागवानी, और रेशम उत्पादन जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए दी जाती है।
सभी प्रकार की कृषि गतिविधियों को कवर करना: इस योजना के अंतर्गत फसल उत्पादन, पशुपालन, डेयरी, कृषि विपणन, प्रसंस्करण, जैविक खेती आदि सभी प्रकार की कृषि गतिविधियों को शामिल किया गया है।
समग्र विकास: योजना का उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है ताकि किसानों को बेहतर आय और रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।
स्वायत्तता: योजना में राज्यों को स्वायत्तता दी गई है कि वे अपने क्षेत्र की कृषि संबंधी जरूरतों के अनुसार परियोजनाएं बना सकते हैं और उन्हें लागू कर सकते हैं।
योजना के तहत लागू गतिविधियाँ:
फसल उत्पादन और उत्पादकता में सुधार: उच्च गुणवत्ता के बीज, उर्वरक और आधुनिक कृषि उपकरणों का वितरण।
सिंचाई परियोजनाएँ: जल प्रबंधन और सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों का विकास।
पशुपालन और डेयरी विकास: पशुओं की उन्नत नस्लों का प्रोत्साहन और बेहतर चारा उपलब्ध कराना।
बागवानी और वृक्षारोपण: फल, सब्जियों, और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित करना।
कृषि विपणन और मूल्य संवर्धन: कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन के लिए नई तकनीकों का उपयोग।
योजना के लाभ:
किसानों की आय में वृद्धि: योजना के माध्यम से किसानों को उच्च उपज प्राप्त करने के लिए बेहतर संसाधन और तकनीक उपलब्ध कराई जाती है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।
प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर उपयोग: योजना के तहत जल संरक्षण, मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन के उपायों को अपनाया जाता है।
रोजगार के अवसर: कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर सृजित होते हैं।
कृषि में नवाचार: आधुनिक तकनीकों और नवाचारों को अपनाकर कृषि को लाभदायक बनाया जाता है।
निष्कर्ष:
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) भारतीय कृषि क्षेत्र में सुधार लाने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्यों को स्वायत्तता और वित्तीय सहायता प्रदान करके, यह योजना कृषि के क्षेत्र में समग्र विकास सुनिश्चित करती है। इसके माध्यम से किसानों को आर्थिक सशक्तिकरण और देश की कृषि प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
आपकी भागीदारी:
यदि आप किसान हैं या कृषि क्षेत्र से जुड़े हैं, तो राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के बारे में अपने राज्य के कृषि विभाग से जानकारी प्राप्त करें और इसका अधिकतम लाभ उठाएं।
सुझाव: किसानों को योजना के बारे में जागरूक करना और उन्हें प्रशिक्षण देकर आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ना आवश्यक है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के बारे में शीर्ष 20 प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) क्या है? उत्तर: RKVY एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है, जिसका उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देना और राज्यों को अपनी कृषि योजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
प्रश्न: RKVY की शुरुआत कब और क्यों की गई? उत्तर: RKVY की शुरुआत 2007-08 में की गई थी, ताकि कृषि क्षेत्र में विकास को बढ़ावा दिया जा सके और किसानों की आय में वृद्धि हो सके।
प्रश्न: RKVY का मुख्य उद्देश्य क्या है? उत्तर: योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादकता में वृद्धि, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
प्रश्न: कौन-सी गतिविधियाँ RKVY के तहत शामिल हैं? उत्तर: फसल उत्पादन, सिंचाई, पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन, जैविक खेती, कृषि विपणन, और प्रसंस्करण जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
प्रश्न: RKVY के तहत वित्तीय सहायता कैसे दी जाती है? उत्तर: राज्यों को उनकी आवश्यकता और प्रदर्शन के आधार पर वित्तीय सहायता दी जाती है, ताकि वे अपनी कृषि योजनाओं को लागू कर सकें।
प्रश्न: कौन-कौन से राज्य RKVY के तहत सहायता प्राप्त कर सकते हैं? उत्तर: सभी भारतीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश RKVY के तहत सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न: योजना के तहत किसानों को क्या लाभ मिलता है? उत्तर: किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज, उर्वरक, आधुनिक उपकरण, सिंचाई सुविधाएँ, और प्रशिक्षण जैसी सहायता मिलती है।
प्रश्न: योजना का लाभ कैसे उठाया जा सकता है? उत्तर: योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को राज्य कृषि विभाग या स्थानीय कृषि कार्यालय से संपर्क करना होता है।
प्रश्न: RKVY में नवाचार और तकनीक का क्या महत्व है? उत्तर: योजना के तहत आधुनिक तकनीक और नवाचार को अपनाकर कृषि उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ाया जाता है।
प्रश्न: RKVY के तहत कौन सी फसलें शामिल हैं? उत्तर: सभी प्रमुख फसलें जैसे गेहूं, धान, दालें, तिलहन, और बागवानी फसलें योजना के तहत आती हैं।
प्रश्न: क्या RKVY पशुपालन और मत्स्य पालन को भी कवर करता है? उत्तर: हाँ, योजना पशुपालन, डेयरी, और मत्स्य पालन जैसी गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करती है।
प्रश्न: योजना में जल प्रबंधन का क्या महत्व है? उत्तर: जल प्रबंधन, सिंचाई, और जल संरक्षण की तकनीकों को बढ़ावा देकर कृषि उत्पादन को बढ़ाने में मदद की जाती है।
प्रश्न: क्या योजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाता है? उत्तर: हाँ, योजना के तहत जैविक खेती और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग को प्रोत्साहित किया जाता है।
प्रश्न: योजना के तहत रोजगार के अवसर कैसे सृजित होते हैं? उत्तर: कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में निवेश बढ़ने से नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं।
प्रश्न: योजना के तहत कौन सी वित्तीय सहायता उपलब्ध है? उत्तर: राज्यों को उनकी योजनाओं के लिए अनुदान और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो कृषि सुधार पर खर्च की जाती है।
प्रश्न: RKVY का लाभ लेने के लिए पात्रता क्या है? उत्तर: योजना का लाभ लेने के लिए राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों का पालन करना होता है, जो क्षेत्र विशेष की कृषि जरूरतों पर निर्भर करता है।
प्रश्न: योजना के तहत राज्यों को कितनी राशि आवंटित की जाती है? उत्तर: राशि का आवंटन राज्यों के कृषि प्रदर्शन और उनके प्रस्तावित योजनाओं के आधार पर किया जाता है।
प्रश्न: क्या RKVY के तहत महिला किसानों को भी लाभ मिलता है? उत्तर: हाँ, महिला किसानों को भी योजना के तहत विशेष प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं।
प्रश्न: योजना में सहभागिता कैसे की जा सकती है? उत्तर: सहभागिता के लिए राज्य कृषि विभाग द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों और कार्यशालाओं में भाग लें।
प्रश्न: RKVY के तहत कौन से मंत्रालय योजना को लागू करते हैं? उत्तर: योजना का क्रियान्वयन मुख्यतः कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है।