भारतीय राजनीति में एक और बड़ा घमासान हुआ है जब कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (NC) ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सीटों के लिए समझौता किया है, जिससे मेहबूबा मुफ्ती की अलगाव में और भी गहराई आ गई है।
मेहबूबा मुफ्ती का भारत में अलगाव और गहरा: कांग्रेस, एनसी ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख सीटों के लिए समझौता किया
इस समझौते के बाद, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नए चुनावों के लिए कांग्रेस और NC के बीच सीटों का साझा वितरण किया जाएगा। यह समझौता बिना मेहबूबा मुफ्ती के सहयोग के हुआ है, जिन्होंने हाल ही में अपनी पार्टी पीडीपी को टूटते हुए छोड़ा था।
मेहबूबा मुफ्ती की इस स्थिति में और भी कठिनाईयाँ बढ़ गई हैं, क्योंकि वह अब एकल रूप से चुनाव में भाग नहीं ले सकेंगी और उन्हें इस नए समझौते में कोई स्थान नहीं मिलेगा।
कांग्रेस और NC के बीच हुए इस समझौते का असर यहाँ की राजनीतिक मान्यताओं पर हो सकता है, जिन्होंने पहले से ही मेहबूबा मुफ्ती को एक राजनीतिक नेता के रूप में काफी अलगाव महसूस करने के लिए मजबूर किया है।
इसी बीच, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए नई राजनीतिक दलों की चुपचापी उम्मीद है कि वे इस समय का लाभ उठा सकते हैं और जनता को अपने उत्कृष्ट कार्यक्रमों के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
इस समय, मेहबूबा मुफ्ती के प्रति राजनीतिक समर्थन में भी कमी महसूस की जा रही है, जो उन्हें और भी अलग करने के लिए कारण बना सकती है।
विश्वास किया जा रहा है कि इस समय के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में राजनीतिक दलों के बीच नए संबंध और समझौते देखने को मिलेंगे, जिससे यहाँ की राजनीतिक गतिविधियों में नया चेहरा सामने आ सकता है।*
जनता अब इस समय के बदलते राजनीतिक स्कीम को नजरअंदाज नहीं करेगी, और इसमें अपने हितों की सुरक्षा के लिए सजग रहेगी।
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