लोक सभा चुनाव: बीजेपी को लग रहा था कि उन्हें जेजेपी के साथ चुनाव लड़ने से ज्यादा फायदा नहीं होगा। इसलिए उन्होंने जाट-पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ दिया।

हरियाणा में बीजेपी ने खट्टर को यूं ही नहीं बदला, नया प्लान कर लिया तैयार, एक तीर से किए कई शिकार

Lok Sabha Election 2024: हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जिस तरह से डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ अपना गठबंधन तोड़ा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को सीएम नियुक्त किया उसने सभी हैरान कर दिया है.

बीजेपी ने मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह ही हरियाणा में भी समझदारी के साथ अनुभवी मुख्यमंत्री को हटाकर युवा नेताओं के लिए रास्ता बनाया है. माना जा रहा है कि जैसे लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने शिवराज सिंह को चुना था, उसी तरह खट्टर भी आगामी चुनाव लड़ सकते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके जुड़ाव को देखते हुए, लोकसभा चुनाव में जीतने मिलने पर पार्टी खट्टर को मंत्रिमंडल में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. दिलचस्प बात यह है कि हाल ही पीएम मोदी ने हरियाणा में हुए एक कार्यक्रम के दौरान खट्टर की तारीफ की थी.

जेजेपी के साथ चुनाव लड़ने से नहीं था फायदा
वैसे बीजेपी ने जेजेपी से अलग होने का फैसला यूं ही नहीं लिया. इसके पीछे सोची समझी रणनीति है. दरअसल, जेजेपी के साथ चुनाव लड़ने से बीजेपी को ज्यादा फायदा होता दिखाई नहीं दे रहा था. इसलिए बीजेपी ने जेजेपी के साथ गठबंधन खत्म कर लिया.  2019 में बीजेपी ने राज्य की सभी 10 सीटें जीतीं. ऐसे में वह सहयोगी दल के साथ सीट शेयरिंग करने को तैयार नहीं थी.

जाट वोटरों में नाराजगी
2019 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी से नाराज जाटों ने कांग्रेस और जेजेपी को वोट दिया, जबकि पंजाबी और ओबीसी मतदाता सत्तारूढ़ बीजेपी के पक्ष में थे. 2024 में भी किसानों के संकट और एक गैर-जाट सीएम जैसे कारणों से जाट वोटर्स बीजेपी से नाराज रहेंगे. अभी दो दिन पहले ही बीजेपी के जाट सांसद बृजेंद्र सिंह पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे.

बीजेपी विरोधी वोट की काट
बीजेपी के इस कदम से जेजेपी सभी लोकसभा और विधानसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए मजबूर हो जाएगी. वह बड़े पैमाने पर बीजेपी विरोधी वोट बैंक का बांटने का काम करेगी. इतना ही नहीं बीजेपी ने दुष्यन्त चौटाला के दादा रणजीत चौटाला को मंत्री भी बनाया है, जबकि जेजेपी के 10 में से चार विधायक शपथ ग्रहण में शामिल हुए, जिससे संकेत मिलता है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है.

हरियाणा में इस बार कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है., जिससे बीजेपी को नुकसान हो सकता था. हालांकि अब जेजेपी के अलग चुनावी मैदान में उतरने के बाद स्थिति बदल सकती है, क्योंकि हुड्डा के जाट वोटबैंक पर चौटाला सेंधमारी के लिए तैयार हैं.