गहलोत सरकार के मंत्री से पूर्व पायलट सहायक तक: कांग्रेस को राजस्थान से निकासा हो रहा है भागमभाग
कांग्रेस पार्टी के राजस्थान में अन्योन्य संघर्ष का सिलसिला बढ़ता जा रहा है, जब गहलोत सरकार के एक मंत्री ने पायलट नेता सचिन पायलट के पूर्व सहायक को सार्वजनिक रूप से आलोचना की है। यह घटना कांग्रेस पार्टी के लिए और बुरा साबित हो सकता है, क्योंकि राजस्थान में इस प्रकार की घातक बातचीतों का बदला लेने का कोई संकेत नहीं है।
मंगलवार को राजस्थान के विधायक और उप मुख्यमंत्री उमेदवार सचिन पायलट के पूर्व सहायक और वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के एक प्रमुख नेता जाट मजदूर समुदाय के विकास कार्यक्रमों में सामाजिक सहायता और योजनाओं के लिए मंत्री ने कहा कि वे अपनी पार्टी से निराशा और असंतुष्टि का अभिवादन करते हैं।
“कांग्रेस पार्टी के अनेक नेता और कार्यकर्ता अपने असंतोष से बाहर आ रहे हैं। हमें समय पर संशोधन करने की जरूरत है, अन्यथा हमारी पार्टी को भागमभाग का सामना करना पड़ेगा,” मंत्री ने कहा।
इस बयान के पश्चात, पायलट नेता और उपमुख्यमंत्री की टीम के कई सदस्यों ने उनके इस बयान का जवाब दिया, कहते हैं कि यह सिर्फ व्यक्तिगत असंतोष का परिणाम है और कांग्रेस की एकता पर कोई असर नहीं होगा।
पिछले कुछ महीनों में राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में विभाजन की खबरें सुनने को मिल रही हैं, जो पार्टी के नेतृत्व में आदर्शवादी और प्रगतिशील स्वरूप के संघर्ष को दर्शाती हैं। इस प्रकार की आलोचनाएं और घातक बयानों से कांग्रेस पार्टी के वोटरों में आत्मविश्वास कम हो सकता है, जो आगामी विधानसभा चुनावों में प्रभावित हो सकता है।
यह घटना कांग्रेस पार्टी के लिए चुनावी रणनीति के रूप में भी एक चुनौती हो सकती है, क्योंकि यह दिखाती है कि पार्टी की अंतर्निहित संघर्ष की वजह से नेता और कार्यकर्ता आत्मसमर्पण में कमी महसूस कर रहे हैं।