“बीरबल की समझदारी: कौन सबसे बड़ा?”

कहानी:

  1. एक दिन अकबर ने दरबार में सवाल किया, “इस दरबार में सबसे बड़ा कौन है?”
  2. दरबारी अपने-अपने नाम सुझाने लगे — कोई खुद को बुद्धिमान कहने लगा, तो कोई खुद को सबसे ताकतवर।
  3. अकबर ने बीरबल से पूछा, “तुम्हारे हिसाब से सबसे बड़ा कौन है?”
  4. बीरबल मुस्कुराया और बोला, “जहाँपनाह, इसका जवाब मैं कल दूंगा।”
  5. अगले दिन बीरबल एक छोटे से बच्चे को लेकर दरबार में आया।
  6. उसने अकबर से कहा, “जहाँपनाह, इस बच्चे से पूछिए कि इस दरबार में सबसे बड़ा कौन है?”
  7. अकबर ने बच्चे से पूछा, “बेटा, सबसे बड़ा कौन है?”
  8. बच्चा मासूमियत से बोला, “भगवान सबसे बड़े हैं, क्योंकि उनके बिना कोई बड़ा नहीं हो सकता।”
  9. बीरबल ने कहा, “जहाँपनाह, बच्चे की बात सही है। हम चाहे कितने भी बड़े क्यों न हों, भगवान से बड़ा कोई नहीं।”
  10. अकबर ने बीरबल की इस सोच की सराहना की और कहा, “तुमने फिर से साबित कर दिया कि सच्ची समझदारी सरलता में होती है।”

मोरल:

सच्चा महान वही है जो अपनी जगह समझता है और सबसे ऊपर ईश्वर को मानता है, क्योंकि वही सबसे बड़ा है।