“बीरबल की समझदारी: कौन सबसे बड़ा?”
कहानी:
- एक दिन अकबर ने दरबार में सवाल किया, “इस दरबार में सबसे बड़ा कौन है?”
- दरबारी अपने-अपने नाम सुझाने लगे — कोई खुद को बुद्धिमान कहने लगा, तो कोई खुद को सबसे ताकतवर।
- अकबर ने बीरबल से पूछा, “तुम्हारे हिसाब से सबसे बड़ा कौन है?”
- बीरबल मुस्कुराया और बोला, “जहाँपनाह, इसका जवाब मैं कल दूंगा।”
- अगले दिन बीरबल एक छोटे से बच्चे को लेकर दरबार में आया।
- उसने अकबर से कहा, “जहाँपनाह, इस बच्चे से पूछिए कि इस दरबार में सबसे बड़ा कौन है?”
- अकबर ने बच्चे से पूछा, “बेटा, सबसे बड़ा कौन है?”
- बच्चा मासूमियत से बोला, “भगवान सबसे बड़े हैं, क्योंकि उनके बिना कोई बड़ा नहीं हो सकता।”
- बीरबल ने कहा, “जहाँपनाह, बच्चे की बात सही है। हम चाहे कितने भी बड़े क्यों न हों, भगवान से बड़ा कोई नहीं।”
- अकबर ने बीरबल की इस सोच की सराहना की और कहा, “तुमने फिर से साबित कर दिया कि सच्ची समझदारी सरलता में होती है।”
मोरल:
सच्चा महान वही है जो अपनी जगह समझता है और सबसे ऊपर ईश्वर को मानता है, क्योंकि वही सबसे बड़ा है।