“बीरबल की चालाकी: कौन ज्यादा लालची?”
कहानी:
- एक दिन अकबर और बीरबल के बीच लालच को लेकर बहस छिड़ गई।
- अकबर ने कहा, “बीरबल, मुझे लगता है कि हर इंसान किसी न किसी रूप में लालची होता है।”
- बीरबल ने कहा, “जहाँपनाह, कुछ लोग अधिक लालची होते हैं, और मैं आपको यह साबित कर सकता हूँ।”
- अकबर ने कहा, “ठीक है, मुझे साबित करो!”
- बीरबल ने शहर के दो लोगों को दरबार में बुलाया — एक धनी व्यापारी और एक गरीब किसान।
- उसने दोनों के सामने एक थाल में ढेर सारे सिक्के रखे और कहा, “जिसने ज्यादा सिक्के उठाए, उसे इनाम मिलेगा।”
- पहले व्यापारी आया, उसने जल्दी-जल्दी सारे सिक्के उठाने की कोशिश की, लेकिन जल्दबाजी में कई सिक्के नीचे गिर गए।
- फिर किसान आया, उसने बस कुछ सिक्के उठाए और बाकी वहीं छोड़ दिए।
- अकबर ने हैरानी से पूछा, “किसान ने कम सिक्के क्यों लिए?”
- बीरबल ने कहा, “जहाँपनाह, गरीब किसान संतोषी है, उसने जितना जरूरत थी उतना लिया। जबकि व्यापारी लालच में आकर सब कुछ लेना चाहता था, लेकिन उसे भी पूरा नहीं मिला।”
- अकबर ने किसान की सादगी और संतोष को सराहा और बीरबल की बुद्धिमत्ता की तारीफ की।
मोरल:
लालच में हमेशा नुकसान होता है, जबकि संतोषी व्यक्ति अपने हिस्से का सुख पा लेता है।
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