“बीरबल का अद्भुत समाधान”

बीरबल का अद्भुत समाधान

कहानी:

एक बार की बात है, अकबर और बीरबल एक शाम शाही बगीचे में टहले रहे थे। अकबर ने अचानक एक सवाल किया, “बीरबल, अगर एक आदमी को किसी अपराध के लिए सजा दी जाए, तो उसे कितना पानी पीने की अनुमति दी जानी चाहिए?”

बीरबल ने अकबर की ओर मुस्कुराते हुए देखा और कहा, “महाराज, इसका जवाब देने से पहले मैं एक कहानी सुनाना चाहूंगा।”

कहानी:

एक गांव में एक आदमी बहुत ही ईमानदार और परिश्रमी था। लेकिन उसके पास बहुत पैसे नहीं थे। एक दिन, गाँव के प्रमुख ने उसे एक विशेष कार्य सौंपा, जिसमें उसे दिन-रात मेहनत करनी पड़ी।

जब कार्य पूरा हुआ, तो प्रमुख ने उसे इनाम देने का विचार किया। उसने सोचा, “मैं उसे जितना भी दे सकूं, यही अच्छा रहेगा।”

उसने आदमी को सोने का एक बड़ा बर्तन और भरपूर खाद्य सामग्री दी। आदमी ने बर्तन को देखकर कहा, “धन्यवाद, लेकिन मुझे पानी चाहिए।”

प्रमुख ने आश्चर्यचकित होकर पूछा, “पानी? तुम्हें इतनी बड़ी इनाम के लिए पानी चाहिए?”

आदमी ने उत्तर दिया, “धन्यवाद, लेकिन पानी जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है। इससे मुझे अपने श्रम का सही मूल्य मिल सकेगा।”

प्रमुख ने समझा और आदमी को भरपूर पानी दिया।

मोरल:

बीरबल ने अकबर को बताया कि जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीज़ें अक्सर उन चीज़ों में छिपी होती हैं जिन्हें हम अक्सर अनदेखा करते हैं। सही समय पर सही चीज़ देना ही सच्ची न्याय की पहचान है।

इस प्रकार, बीरबल ने अकबर को यह सिखाया कि सजा और इनाम का मूल्य व्यक्ति की ज़रूरत और स्थिति पर निर्भर करता है।

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https://youtu.be/biNzAaf0AL4