शादी का मौसम था, और घर में चहल-पहल का माहौल था। हर कोने में मेहमानों की भीड़, रिश्तेदारों की हंसी-ठिठोली, सजावट की खूबसूरती और खाने की खुशबू से घर का माहौल रंगीन हो गया था। मेरी भांजी की शादी थी, और मैं शादी के इंतजामों में पूरी तरह से व्यस्त था। मेरा पूरा ध्यान खाने-पीने, सजावट, मेहमानों की आवभगत और बाकी सारे इंतजाम पर था। इस माहौल में, एक और ख़ास शख्स थी जो मेरे करीब रहना चाहती थी—मेरी मामी की बेटी, सोनल।
सोनल हमेशा से एक हंसमुख और प्यारी लड़की रही थी, लेकिन इस बार कुछ अलग सा लग रहा था। हर बार जब भी मैं किसी काम में लगा होता, वो वहीं आकर खड़ी हो जाती। कभी मुझे पानी पकड़ाती, तो कभी मेरे थके हुए चेहरे को देख कर मुस्कुराती। शादी के इस पूरे माहौल में सोनल की ये छोटी-छोटी बातें मुझे महसूस तो हो रही थीं, पर मैं समझ नहीं पा रहा था कि इसमें कुछ खास है या ये सब सिर्फ मेरा वहम था।
उस शाम का वाकया था। हल्दी की रस्म चल रही थी, और मैंने खुद को थोड़ा हल्का महसूस करने के लिए एक कोने में खड़े होकर गहरी साँस ली। इतने में सोनल मेरे पास आई। उसकी आँखों में एक अनकहा भाव था, जो सीधा मेरे दिल तक पहुंच रहा था। वो बोली, “भैया, आप इतने थके हुए लग रहे हो। कुछ आराम कर लीजिए। यहाँ सब संभाल लूंगी मैं।”
मैंने हंसते हुए कहा, “अरे, क्या करूँ सोनल, शादी के घर में कौन आराम कर सकता है?” लेकिन उसकी बातों में एक अलग सा सुकून था, जैसे वो सच में चाहती थी कि मैं थोड़ी देर उसके साथ बैठकर बातें करूँ।
वो पास ही एक खाली कुर्सी पर बैठ गई और मुझे बैठने का इशारा किया। मैं थोड़ा अचरज में था, पर उसकी मासूमियत और उसके चेहरे की मुस्कान मुझे उसकी ओर खींचने लगी। मैंने उसके साथ बैठने का मन बना लिया।
हम दोनों चुपचाप बैठे थे, बस आँखों से बातें कर रहे थे। फिर सोनल ने हल्के से मेरी ओर झुकते हुए कहा, “आपने कभी ये सोचा है, कि किसी के दिल में आपके लिए कुछ खास जगह हो सकती है?” उसकी आँखों में एक अलग सी चमक थी, एक सच्चाई जो वो शायद मुझसे नहीं छुपा पाई।
मैं थोड़ा सकपकाया और बोला, “तू क्या कह रही है सोनल? हम तो बस बहन-भाई हैं ना!” लेकिन उसकी मुस्कान में कुछ ऐसा था कि मैं उलझ गया।
उसने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखा और बोली, “शायद कुछ रिश्ते कभी पूरी तरह समझे ही नहीं जाते, भैया। कुछ एहसास होते हैं, जिन्हें हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते, बस महसूस कर सकते हैं।”
उसकी इन बातों ने मेरे दिल की धड़कनें बढ़ा दीं। मैं समझ नहीं पा रहा था कि ये सिर्फ उसका मजाक था या वो सच में मुझसे कुछ कहना चाह रही थी।