प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के दावों का मुखाबरा किया: ‘एनडीए क़ानून का सम्मान करता है… बाबासाहेब भी इसे नहीं बदल सकते’
भारतीय राजनीति में एक बड़ा आयाम परिस्थिति में उत्तरदायित्वपूर्ण नेताओं की भूमिका होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में विपक्षी दलों के दावों का मुखाबरा करते हुए कहा है कि एनडीए संविधान का सम्मान करता है और बाबासाहेब भी इसे नहीं बदल सकते।
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के दावों का मुखाबरा किया: ‘एनडीए क़ानून का सम्मान करता है… बाबासाहेब भी इसे नहीं बदल सकते’
मोदी ने कहा, “हम बहुत ही सरलता से कह सकते हैं कि एनडीए संविधान का सम्मान करता है। हमें यह दिखाने की कोई आवश्यकता नहीं है। बाबासाहेब अंबेडकर भी इसे नहीं बदल सकते हैं।”
इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि विपक्ष की हरकतें एक सिद्धांत हैं जिसे परिवर्तित किया जा नहीं सकता। उन्होंने कहा, “हम एक सिद्धांत का पालन कर रहे हैं। विपक्ष यह समझने की कोशिश कर रहा है कि इसे कैसे तोड़ा जा सकता है, लेकिन यह अमुक सिद्धांत है।”
मोदी ने कहा कि एनडीए ने देश के निर्माण में विश्वास किया है और अपने सामर्थ्य के साथ काम किया है। उन्होंने कहा, “हमें इस परिवार की प्रतिष्ठा और सम्मान का आदान-प्रदान करना है। हमें एक बहुत ऊँचा मकाम मिला है।”
इस समय, जब विपक्षी दल राजनीतिक बहस के बीच अपने दावों को सुझाव कर रहे हैं, प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया है कि संविधान और एनडीए की सरकार के आदर्शों के खिलाफ कोई हमला स्वीकार नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि एनडीए के प्रति जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे व्यर्थ हैं और उनके खिलाफ किए गए आरोपों का पारदर्शिता से सामना किया जाएगा।
इससे पहले भी, विपक्षी दलों ने संविधान के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया है, जो कि एनडीए की सरकार ने खारिज किया है। प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान से स्पष्ट है कि सरकार अपने क़ानूनी और नैतिक कर्तव्यों का पालन करती रहेगी।
यह तर्क दरसाता है कि विपक्ष के द्वारा उठाए गए मुद्दों पर एनडीए सरकार की पकड़ मजबूत है और प्रधानमंत्री मोदी ने इसे साफ़ कर दिया है कि सरकार का संविधान के प्रति पूरा समर्थन है।