🔥 प्रस्तावना – इतिहास जो छुपाया गया! 🔥
जब भी भारत की विदेश नीति की बात होती है, तो पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम सबसे पहले लिया जाता है। लेकिन यह नाम एक कूटनीतिक चाणक्य के रूप में नहीं, बल्कि ऐतिहासिक भूलों के प्रतीक के रूप में लिया जाना चाहिए।
हमें किताबों में बताया गया कि नेहरू जी एक महान दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने भारत की विदेश नीति को मजबूत किया। लेकिन अगर हम गहराई से देखें, तो सच्चाई बिल्कुल अलग है।
👉 नेहरू की कूटनीति में भारत की सुरक्षा से ज़्यादा व्यक्तिगत रिश्तों का महत्व था।
👉 वे अपनी ‘रोमांटिक डिप्लोमेसी’ में इतने व्यस्त थे कि देश के असल मुद्दे पीछे रह गए।
👉 चीन, पाकिस्तान, कश्मीर, UNO – हर जगह नेहरू की गलतियों ने भारत को भारी नुकसान पहुँचाया।
आज इस लेख में हम उन ऐतिहासिक घटनाओं की परतें खोलेंगे, जिन्हें वामपंथी इतिहासकारों ने छुपाने की पूरी कोशिश की। 📜🔥
📌 जब नेहरू का ध्यान विदेश नीति से ज़्यादा ‘ILU ILU’ पर था!
JFK को भारत का समर्थन चाहिए था, लेकिन नेहरू को कुछ और चाहिए था! 😏
साल 1961, शीत युद्ध अपने चरम पर था।
John F. Kennedy (JFK) अमेरिका के राष्ट्रपति थे और वे चाहते थे कि भारत उनके साथ खड़ा हो।
👉 JFK की उम्मीद थी कि नेहरू से एक गंभीर चर्चा होगी, जिसमें भारत-अमेरिका संबंध, रक्षा नीति और चीन से निपटने की रणनीति बनेगी।
👉 लेकिन जब नेहरू अमेरिका पहुंचे, तो उनका ध्यान अमेरिका की नीतियों पर कम और JFK की पत्नी Jacqueline Kennedy पर ज़्यादा था! 😏
अब सोचिए, JFK Cold War की रणनीति बना रहे थे और नेहरू… Jacqueline के साथ ‘गहरी चर्चाओं’ में व्यस्त थे! 🤦♂️
नेहरू की ‘स्पेशल डिप्लोमेसी’ – Jacqueline Kennedy पर ज़्यादा ध्यान!
💃 Jacqueline Kennedy एक आकर्षक और बुद्धिमान महिला थीं।
लेकिन नेहरू जी की रूचि कूटनीति में कम और Jacqueline की मुस्कान में ज़्यादा थी!
👉 White House की आधिकारिक बैठकों के दौरान, JFK रणनीतिक साझेदारी की बात कर रहे थे, लेकिन नेहरू जी Jacqueline के साथ हल्की-फुल्की बातों में मग्न थे!
👉 Jacqueline Kennedy ने खुद कहा था कि नेहरू जी की बातचीत में एक ‘अलग तरह का Warmth’ था! 🤭
👉 JFK के छोटे भाई Robert F. Kennedy (Bobby) भी इस रिश्ते से असहज महसूस कर रहे थे।
अब ज़रा सोचिए, JFK भारत को अपना सहयोगी बनाना चाहते थे और नेहरू साहब Jacqueline को अपना दोस्त बनाना चाहते थे! 😏
📌 जब देश के टुकड़े हो रहे थे, तब नेहरू का “ILU ILU” जारी था! 💔
🚨 1947 – भारत का विभाजन हो रहा था। खून की नदियाँ बह रही थीं। लाखों लोग उजड़ रहे थे। लेकिन हमारे “महान” प्रधानमंत्री क्या कर रहे थे?
👉 ILU-ILU में मग्न थे! 💃❤️
इसका सबसे बड़ा सबूत एडविना माउंटबेटन (Edwina Mountbatten) के साथ नेहरू का रिश्ता है।
नेहरू और एडविना – जब विभाजन की आग में रोमांस परवान चढ़ा!
👉 एडविना माउंटबेटन की बेटी पामेला हिक्स ने खुद स्वीकार किया कि नेहरू और एडविना का रिश्ता बेहद “गहरा” था!
👉 जब देश बँटवारे की हिंसा में जल रहा था, तब नेहरू वायसराय हाउस में एडविना के साथ ‘गहरी चर्चाओं’ में व्यस्त थे!
👉 सत्ता की कुर्सी मिली नहीं कि ILU-ILU शुरू हो गया!
💡 सोचिए, अगर सरदार पटेल को पूरा कंट्रोल मिलता, तो शायद यह बर्बादी न होती!
📌 नेहरू की विदेश नीति के सबसे बड़े फेल्यर्स! 🚨
अब आते हैं नेहरू की विदेश नीति की कुछ ऐतिहासिक भूलों पर, जिनका खामियाजा भारत आज तक भुगत रहा है।
1️⃣ 1962 – हिंदी-चीनी भाई-भाई? नहीं, हिंदी-चीनी धोखाधड़ी!
👉 नेहरू ने चीन को UN की वीटो सीट तक गिफ्ट कर दी और कहा – “चीन हमारा भाई है!”
👉 1950 में चीन ने तिब्बत पर कब्ज़ा कर लिया, लेकिन नेहरू चुपचाप देखते रहे!
👉 1962 में चीन ने भारत पर हमला कर दिया और नेहरू को समझ ही नहीं आया कि क्या करें!
👉 भारतीय सेना बिना हथियारों के लड़ रही थी, और नेहरू बस रेडियो पर “मेरे प्यारे देशवासियों” बोलते रहे! 🤦♂️
💡 जिसे दोस्त मानोगे, वही पीठ में छुरा घोंपेगा, अगर तुम कायर और नादान हो!
2️⃣ कश्मीर मुद्दा – जब नेहरू की बेवकूफी ने PoK स्थायी रूप से पाकिस्तान को दे दिया!
👉 1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला किया, तो सरदार पटेल PoK को छुड़वाने के लिए सेना भेजना चाहते थे।
👉 लेकिन नेहरू UN भाग गए! 🤦♂️
👉 UN में जनमत संग्रह की बात छेड़ दी, जिससे पाकिस्तान को कश्मीर पर दावा करने का मौका मिल गया।
💡 देश की सुरक्षा के लिए UN पर भरोसा करना सबसे बड़ी मूर्खता थी!
3️⃣ UNO में भारत को वीटो सीट देने का मौका – नेहरू बोले ‘न-न-न!’
👉 1950 और 1955 में अमेरिका और रूस ने भारत को United Nations Security Council की स्थायी सीट देने का ऑफर दिया!
👉 लेकिन नेहरू बोले – “हमें चीन को सीट देनी चाहिए!” 🤦♂️
👉 आज वही चीन भारत के खिलाफ UN में हर बार वीटो लगाता है!
💡 मूर्ख दोस्त से अच्छा चतुर दुश्मन होता है!
📌 निष्कर्ष – नेहरू की विदेश नीति ने भारत को क्या दिया?
❌ चीन के हाथों शर्मनाक हार (1962)!
❌ कश्मीर मुद्दा, जो आज तक सुलझा नहीं!
❌ UN में वीटो सीट गँवा दी, चीन को ताकतवर बना दिया!
❌ नेपाल जैसे दोस्त को खोकर चीन की गोदी में डाल दिया!
❌ पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपये गिफ्ट कर दिए!
🚨 यह थी नेहरू की “महान” विदेश नीति, जिसकी वजह से भारत को आज भी नुकसान झेलना पड़ रहा है! 🚨
📌 अब सवाल आपसे – क्या नेहरू की विदेश नीति भारत के लिए सही थी या सिर्फ एक और ऐतिहासिक भूल? 🤔
💬 कमेंट में अपनी राय बताइए और इस सच्चाई को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें!
🚩 जय श्रीराम! वंदे मातरम्! भारत माता की जय! 🚩🔥