भारतीय राजनीति में गरमाहट का सिलसिला जारी है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने चुनावी रैलियों में आग लगाई। इन रैलियों से कई महत्वपूर्ण संदेश सामने आए हैं। इसमें से कुछ मुख्य हैं CAA-NRC पर स्पष्टता, संदेशखाली में हिंसा का विरोध, और भारतीय एजेंसियों की नीतियों का परिचय।
CAA-NRC पर ताकतवर संदेश
मोदी और ममता की रैलियों में सबसे बड़ी बहस CAA (नागरिकता संशोधन कानून) और NRC (नागरिक रजिस्टर) पर हुई। मोदी ने कहा कि ये कानून उन सभी लोगों के लिए हैं जो धर्म, भाषा, और राज्य के आधार पर परेशान हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कानून धारा 370 के हटाए जाने के समय के साथ आया है, जिससे कश्मीर को अधिकतम विकास का अवसर मिला है।
वहीं, ममता बनर्जी ने CAA-NRC को लेकर मोदी सरकार को चुनौती दी, कहा कि ये कानून एक अवैध प्रयास है देश को धार्मिक भेदभाव की दिशा में ले जाने का।
संदेशखाली में हिंसा का विरोध
दोनों नेताओं ने संदेशखाली में हिंसा की निंदा की। वहां हाल ही में तनावपूर्ण हालात उत्पन्न हो गए थे, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। ममता बनर्जी ने इसे एक बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया और कहा कि ये हिंसा किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।
भारत से एजेंसियों तक के लिए गहरी संदेह
दोनों नेताओं ने भारतीय एजेंसियों की नीतियों पर भी आलोचना की। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों तरीकों से देश की सुरक्षा में लगी है। वहीं, ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार को लोकतंत्र के संविधान का पालन करना चाहिए, और एजेंसियों को न्याय के लिए निष्पक्षता से काम करना चाहिए।
इस रैली से स्पष्ट हुआ कि आगामी चुनावों में CAA-NRC और राजनीतिक तकरारों का मुद्दा बना रहेगा। यहां तक कि एजेंसियों के संबंध में भी नेताओं के बीच गहरे विचारविमर्श का संकेत मिलता है।