लोकसभा चुनाव: भारत हिंदू महासभा ने वाराणसी सीट से महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को उम्मीदवार बनाया है। वह देश और विदेश में भागवत कथा का सुनाने में माहिर हैं।
लोकसभा चुनाव 2024: वाराणसी से महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने का फैसला किया है। वह अखिल भारत हिंदू महासभा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। 27 मार्च को, उत्तर प्रदेश की यूनिट ने 20 लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा की थी, जिसमें वाराणसी से किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का भी नाम शामिल था।
हिमांगी सखी ने बताया कि वह किन्नरों के हक के लिए लड़ रही हैं, और उन्हें लोकसभा और विधानसभा में आरक्षित सीटों की मांग है। यह उनका पहला चुनाव है, और वह चाहती हैं कि किन्नर समाज भी अपनी आवाज़ उठा सके।
उन्होंने कहा, “अभी भी किन्नर समाज को अपने हक के लिए संघर्ष करना पड़ता है। सरकार ने किन्नर समाज के लिए कुछ नहीं किया है।” वह बताई कि 12 अप्रैल को वह काशी जाएंगी और बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद मीडिया से बातचीत करेंगी।
कौन हैं महामंडलेश्वर हिमांगी सखी?
हिमांगी सखी किन्नर महामंडलेश्वर हैं. वह 5 भाषाओं में भागवत कथा सुनाने के लिए मशहूर हैं. वह पंजाबी, गुजराती, हिंदी, अंग्रेजी और मराठी आदि भाषाओं में भागवत कथा सुनाती हैं. हिमांगी सखी भारत के अलावा बैंकाक, सिंगापुर और मॉरिशस आदि जगह पर भागवत कथा सुना चुकी हैं.
वह अक्सर किन्नर समाज के लिए अपनी आवाज बुलंद करती रहती हैं. किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी की मां पंजाबी थीं और उनके पिता गुजराती थे. हिमांगी सखी का बचपन महाराष्ट्र में बिता लेकिन माता-पिता का निधन हिमांगी सखी वृंदावन पहुंचीं और वहां शास्त्रों का अध्ययन शुरू किया.
विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी है भारत हिंदू महासभा
वहीं, इस संबंध में महासभा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी ने यूपी तक से कहा कि इससे पहले महासभा ने बीते विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा लिया था और राज्य की कई सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. उन्होंने बताया कि बीते 27 मार्च को उत्तर प्रदेश की 20 सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की थी, जिसमें वाराणसी से किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का नाम भी शामिल है.
वाराणसी में कब होगा चुनाव?
उन्होंने आगे बताया कि अब तक उत्तर उनकी पार्टी यूपी की 24 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है. वाराणसी लोकसभा सीट पर सातवें और अंतिन चरण में मतदान होना है. हालांकि, अभी से वाराणसी संसदीय क्षेत्र को लेकर चुनावी हलचल और लोगों की दिलचस्पी बढ़ती चली जा रही है.