कांग्रेस ने पूर्व न्यायाधीश के ‘गांधी और गोडसे के बीच चुनाव नहीं कर सकते’ बयान पर भाजपा को घेरा – कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को निशाने पर लेते हुए कहा है कि एक पूर्व न्यायाधीश के बयान ने साफ दिखा दिया है कि भाजपा ने अपनी विचारधारा में महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे के बीच कोई भी चुनाव नहीं किया है।
कांग्रेस ने पूर्व न्यायाधीश के ‘गांधी और गोडसे के बीच चुनाव नहीं कर सकते’ बयान पर भाजपा को घेरा
एक पूर्व न्यायाधीश ने हाल ही में एक बातचीत में कहा कि वे गांधी और गोडसे के बीच चुनाव नहीं कर सकते। इस बयान ने सियासी दलों में विवाद उत्पन्न किया है।
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता ने इस बयान को कठोरता से निंदा किया और कहा, “यह एक गंभीर मुद्दा है और भाजपा को इस पर स्पष्टता देने की जरूरत है। गांधी जी देश के पिता हैं, जबकि गोडसे ने उन्हें निर्ममता से हत्या की थी। इसलिए गांधी और गोडसे के बीच कोई भी चुनाव न करना हमारे संविधानिक और मानवीय मूल्यों के खिलाफ होगा।”
उन्होंने भी जोड़ा, “भाजपा को इस मामले में जवाबदेहीपूर्ण रूप से बयान करने की जरूरत है और हम उम्मीद करते हैं कि वे इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से प्रतिक्रिया देंगे।”
विपक्षी दलों ने भी इस बयान पर भाजपा को घेरा है और कहा है कि यह बयान भाजपा की सोच का प्रतिनिधित्व करता है।
यह बयान आमतौर पर राजनीतिक दलों के आपसी झगड़ों को और दिलचस्प बनाने के लिए किया जाता है। लेकिन गांधी और गोडसे के बीच कोई भी तुलना करना देश के एकता और संविधान के मूल्यों के खिलाफ है, जो कि चिंताजनक है।
इस मामले में, राष्ट्रीय नेताओं के बयानों ने सियासी दलों के बीच जमकर चर्चा का आधार बनाया है। यहां तक कि सामाजिक मीडिया और लोगों के बीच भी इस मुद्दे पर गहराई से बहस हो रही है।
इस मामले में सरकारी अधिकारियों ने भी चुप्पी साधी है और इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं किया है।
सारांशत: यह पूर्व न्यायाधीश का बयान राजनीतिक दलों के बीच तनाव को और बढ़ा देने के साथ-साथ, देश की जनता में भी इस विवादित बयान के प्रति चिंता और आलोचना की धारा है। गांधीजी के विचारों को अपनाने और उनके संदेश को अपने जीवन में उतारने के बावजूद, इस तरह की बयानबाज़ी उनके समर्थकों में हलचल पैदा कर रही है।