छठ पूजा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण और प्राचीन त्योहार है, जो सूर्य देवता और छठी मइया को समर्पित होता है। यह पर्व विशेष रूप से सूर्य देव के प्रति आभार प्रकट करने और उनके आशीर्वाद के लिए मनाया जाता है। इस पावन पर्व में कई अनुष्ठान और गीत होते हैं, जिनमें से “काँच ही बाँस के बहंगिया” एक प्रमुख गीत है।
Kaanch Hi Baans Ke Bahangiya lyrics
यह गीत छठ पूजा के दौरान विशेष रूप से गाया जाता है और इसके बोल भक्तों के दिल को छूने वाले हैं। काँच ही बाँस के बहंगिया में छठ पूजा के भक्तिभाव और पारंपरिकता को बेहद सुंदरता से प्रस्तुत किया गया है। यह गीत छठ पूजा के दौरान भक्तों की श्रद्धा, त्याग और प्रेम को व्यक्त करता है।
इस ब्लॉग में हम आपको इस गीत के संपूर्ण बोल, उसका महत्व, और छठ पूजा में इस गीत की भूमिका के बारे में विस्तार से बताएंगे।
🌅 छठ पूजा का महत्व और “काँच ही बाँस के बहंगिया” का परिचय
छठ पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य देवता की उपासना करना और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना है, क्योंकि वे ही जीवन के स्रोत हैं। इस पर्व के दौरान भक्त अपने परिवार और समाज की समृद्धि, सुख-शांति, और स्वास्थ्य के लिए व्रत रखते हैं।
“काँच ही बाँस के बहंगिया” एक पारंपरिक भोजपुरी गीत है जो छठ पूजा की भावना को जीवंत करता है। इसमें भक्त अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं और छठी मइया से आशीर्वाद की कामना करते हैं। यह गीत छठ पूजा के एक अनुष्ठान का हिस्सा है, जहाँ व्रती (व्रत करने वाले लोग) अपने मन की बात छठी मइया और सूर्य देव के सामने रखते हैं।
🎶 “काँच ही बाँस के बहंगिया” गीत के बोल और उसका अर्थ
गीत: काँच ही बाँस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाये
(Translation: With a bamboo basket, offerings sway gently as they are carried with devotion.)
Lyrics with Full Meaning and Devotional Context:
1. पहली पंक्ति
काँच ही बाँस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाये
(The bamboo basket sways gently, symbolizing the journey of devotion and reverence for the deity.)
यह पंक्ति भक्तों की उस श्रद्धा को व्यक्त करती है, जिसमें वे अपने सभी दुखों और खुशियों के साथ छठी मइया की ओर जाते हैं।
2. ओनर के गोदिया में कइसे समइबे हो छठी मइया
ओनर के गोदिया में कइसे समइबे हो छठी मइया
(How can all my offerings fit in your lap, O Chhathi Maiya?)
इस पंक्ति में भक्त छठी मइया से अपनी भावनाएँ प्रकट करते हैं, मानो वे कह रहे हों कि उनकी सभी परेशानियाँ और आशाएँ माँ के चरणों में समर्पित हैं।
3. फुलवा से सजल छठी मइया
फुलवा से सजल छठी मइया
(Decorated with flowers, the offerings are ready for Chhathi Maiya.)
इस पंक्ति में छठी मइया के प्रति विशेष सम्मान और प्रेम व्यक्त किया गया है, जिसमें भक्त उन्हें फूलों से सजी हुई सामग्री अर्पित करते हैं।
4. केरवा के पात पर उगेलन सुरजमल गउरा
केरवा के पात पर उगेलन सुरजमल गउरा
(The Sun rises beautifully on the leaves of the banana plant, signifying purity and devotion.)
यह पंक्ति प्रकृति के सौंदर्य और सूर्य की महिमा को प्रस्तुत करती है, जो छठ पूजा का मुख्य तत्व है।
5. ओनर के गोदिया में कइसे समइबे हो छठी मइया
ओनर के गोदिया में कइसे समइबे हो छठी मइया
(How can all my offerings fit in your lap, O Chhathi Maiya?)
यह पुनः यह दर्शाता है कि भक्त अपने समर्पण के साथ मइया से आशीर्वाद की कामना कर रहे हैं, और उनकी सभी इच्छाओं को मइया के पास रख रहे हैं।
🌸 “काँच ही बाँस के बहंगिया” का महत्व
“काँच ही बाँस के बहंगिया” गीत में छठ पूजा के प्रति भक्तों की सच्ची श्रद्धा और प्रेम का भाव है। इस गीत के द्वारा भक्त छठी मइया से अपने जीवन के सुख-दुख बाँटते हैं और उनसे आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं। इस गीत के बोल में छठ पूजा के अनुष्ठानों का वर्णन है, जहाँ लोग मिट्टी के दीये, फल-फूल, और अन्य प्रसाद चढ़ाते हैं।
इस गीत का मुख्य उद्देश्य है कि लोग अपने मन की बात माँ छठी मइया के सामने रखें और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें। गीत की सरल भाषा और भावपूर्ण शब्द हर किसी के दिल को छू जाते हैं और छठ पूजा के माहौल को और भी पवित्र बना देते हैं।
🎶 अन्य प्रसिद्ध छठ पूजा गीत
छठ पूजा के दौरान और भी कई पारंपरिक गीत गाए जाते हैं, जो भक्तों की आस्था को प्रकट करते हैं:
- उग हो सूरज देव
यह गीत उगते सूर्य को अर्घ्य देते समय गाया जाता है, जिसमें भक्त भगवान सूर्य से अपने परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। - पार करइ दे हमार छठी मइया
इस गीत में छठी मइया से सभी दुखों को हरने और जीवन को सुखमय बनाने की प्रार्थना की जाती है। - हे छठी मइया तोहरे चरनवा में
इस गीत में भक्त माँ छठी मइया के चरणों में अपनी भक्ति को अर्पित करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं।
🌄 छठ पूजा में गीतों की भूमिका
- भक्ति का प्रतीक: छठ पूजा के गीत भक्तों की भक्ति और समर्पण को अभिव्यक्त करते हैं।
- पारंपरिकता का भाव: यह गीत पीढ़ी दर पीढ़ी गाए जाते हैं, जो हमारी संस्कृति का हिस्सा बने रहते हैं।
- सामाजिक एकता: इन गीतों को परिवार और समाज के लोग मिलकर गाते हैं, जिससे आपसी प्रेम और एकता का वातावरण बनता है।
🎶 छठ पूजा के कुछ प्रमुख गीतों के बोल और महत्व
छठ पूजा के गीतों में भक्तों की भावनाओं और श्रद्धा का अद्भुत संगम होता है। ये गीत उस त्याग और तपस्या को दर्शाते हैं, जिसे भक्त अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए करते हैं। इन गीतों के द्वारा भक्त अपनी भावनाएँ और प्रेम छठी मइया और सूर्य देव के सामने अर्पित करते हैं।
🌸 निष्कर्ष
“काँच ही बाँस के बहंगिया” गीत छठ पूजा के सबसे प्रमुख गीतों में से एक है, जो न केवल एक संगीत का माध्यम है, बल्कि भक्तों की भावनाओं और श्रद्धा को व्यक्त करने का एक पवित्र साधन भी है। इस गीत के बोल छठ पूजा के अनुष्ठानों और व्रत की भावना को और भी गहन बनाते हैं।
छठ पूजा के इस पर्व में गीत, संगीत और भक्ति का मिलाजुला स्वरूप हर किसी के दिल को छू लेता है और इस पर्व की पवित्रता को बनाए रखता है। यह गीत छठ पूजा के अद्भुत महत्व को दर्शाता है और भक्तों की आस्था को और भी मजबूत करता है।
इस छठ पूजा पर अपने प्रियजनों के साथ “काँच ही बाँस के बहंगिया” जैसे गीतों को गाकर इस पर्व को और भी पावन बनाएं। छठी मइया और सूर्य देव का आशीर्वाद आप सभी पर सदा बना रहे। जय छठी मइया! 🌞