उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद को लेकर हाल ही में एक बड़ा विवाद खड़ा हुआ है। यह विवाद हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच धार्मिक स्थल से जुड़ा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि वर्तमान जामा मस्जिद का निर्माण एक प्राचीन श्री हरिहर मंदिर को तोड़कर किया गया था। वहीं मुस्लिम पक्ष इसे ऐतिहासिक धरोहर मानकर मस्जिद की पवित्रता की रक्षा पर जोर दे रहा है। यह मामला न केवल कानूनी लड़ाई का रूप ले चुका है, बल्कि प्रशासन और स्थानीय समुदाय के लिए एक चुनौती बन गया है। आइए, विस्तार से समझते हैं इस विवाद से जुड़ी सभी पहलुओं को।

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1. विवाद की पृष्ठभूमि

  • हिंदू पक्ष का दावा है कि जामा मस्जिद के स्थान पर श्री हरिहर मंदिर हुआ करता था, जो भगवान विष्णु और शिव को समर्पित था।
  • कहा जाता है कि 1529 में मुगल सम्राट बाबर के आदेश पर इस मंदिर को तोड़कर जामा मस्जिद का निर्माण किया गया।
  • हिंदू पक्ष ने यह भी दावा किया है कि भविष्य में कल्कि अवतार का जन्म इसी पवित्र स्थान पर होना है।

2. कानूनी पहलु

  • इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने चंदौसी की सिविल अदालत में याचिका दायर की।
  • अदालत ने इस मामले में एडवोकेट कमीशन नियुक्त किया और मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया।
  • सर्वेक्षण का उद्देश्य यह पता लगाना है कि मस्जिद के नीचे या आसपास कोई मंदिर के अवशेष मौजूद हैं या नहीं।

3. सर्वेक्षण प्रक्रिया

  • अदालत के आदेश के अनुसार मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई गई।
  • सर्वेक्षण कार्य के दौरान पुलिस और प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की।
  • प्रशासन ने आरआरएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) और पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) को मस्जिद और आसपास के इलाकों में तैनात किया।

4. सुरक्षा व्यवस्था

  • प्रशासन ने संभावित तनाव को देखते हुए पूरे इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी।
  • मस्जिद के आसपास संवेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरों की निगरानी की गई।
  • सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर नज़र रखी जा रही है, और ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

5. मुस्लिम पक्ष की प्रतिक्रिया

  • मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद के इतिहास को लेकर विरोध जताया है।
  • उनका कहना है कि यह मस्जिद मुगल काल की एक ऐतिहासिक धरोहर है और इसे किसी भी तरह से विवादित नहीं बनाया जाना चाहिए।
  • मस्जिद के बाहर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया।

6. हिंदू पक्ष की मांग

  • हिंदू पक्ष का कहना है कि सर्वेक्षण के माध्यम से यह साबित किया जाए कि यह स्थान मंदिर था या नहीं।
  • उनकी मांग है कि पुरातत्व विभाग (ASI) से खुदाई कराई जाए ताकि मंदिर के अवशेष सामने आ सकें।

7. प्रशासन की भूमिका

  • प्रशासन ने दोनों समुदायों के बीच शांति बनाए रखने के लिए कदम उठाए हैं।
  • संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
  • प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

8. मौजूदा स्थिति

  • यह मामला फिलहाल अदालत में विचाराधीन है।
  • सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी।
  • स्थानीय समुदायों के बीच तनावपूर्ण माहौल है, लेकिन प्रशासन स्थिति को नियंत्रित रखने की कोशिश कर रहा है।

9. सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

  • यह विवाद न केवल धार्मिक है बल्कि स्थानीय समाज में सांप्रदायिक तनाव का कारण बन रहा है।
  • दोनों समुदाय अपने-अपने दावों को लेकर अड़े हुए हैं, जिससे समस्या का समाधान जल्द होता नहीं दिख रहा है।

निष्कर्ष

संभल की जामा मस्जिद का विवाद उत्तर प्रदेश के कई अन्य धार्मिक विवादों की तरह संवेदनशील मुद्दा है। यह मामला केवल कानूनी पहलुओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे धार्मिक भावनाएं भी गहराई से जुड़ी हैं। प्रशासन और अदालत का यह कर्तव्य है कि वे तथ्यों के आधार पर निष्पक्ष निर्णय लें ताकि शांति और सौहार्द बनाए रखा जा सके।

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