ईरान द्वारा इस्राएल पर हुए हमलों के बाद भारत ने अपनी चिंता व्यक्त की है। ईरान के हमलों की जानकारी के बाद, भारतीय सरकार ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह संतोषजनक नहीं है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर विचार व्यक्त किया और कहा, “हम ईरान के हमलों को गंभीरता से लेकर चिंतित हैं। इस्राएल को घातक हमले का सामना करना पड़ा है, और हम इसकी निंदा करते हैं।”
विदेश मंत्रालय ने इस मामले के संबंध में एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया, “भारत ईरान और इस्राएल के बीच शांति और सुरक्षा के पक्षपातहीन समाधान की समर्थन करता है। हम आशा करते हैं कि क्षेत्र में तनाव को शांति से समाधान किया जाए और हम सभी देशों के लिए आपसी समझ और सहयोग का परिचय कराएं।”
इस्तिफा देने वाले एक अधिकारी के मुताबिक, भारत ईरान और इस्राएल के बीच तनाव के बढ़ने की चिंता कर रहा है और संबंधों को संवारने के लिए कोशिश कर रहा है।
भारत की इस प्रतिक्रिया के बाद, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय दलों ने भी अपनी चिंता व्यक्त की है और वे संतोषजनक नहीं हैं जब दो देशों के बीच तनाव बढ़ता है।
ईरान के हमलों के बाद, इस्राएल ने भी कड़ा कदम उठाया है और सुरक्षा के संबंध में अपनी तैयारियों को मजबूत किया है। इस संघर्ष के बीच, विश्व ने तनाव के संरक्षण के लिए साहस और निर्णय की आवश्यकता को पुनः उजागर किया है।
इस्तिफा देने वाले अधिकारियों का कहना है कि भारत ईरान और इस्राएल के बीच तनाव को शांति से समाधान करने के लिए प्रयासरत रहेगा। भारत ने अपना स्थान स्पष्ट किया है कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ एकजुट रहकर राजनीतिक संधि और संरक्षा की प्रोत्साहना करेगा।
इस महत्वपूर्ण विषय पर भारत की स्थिति को देखते हुए, विश्व समुदाय भी भारत के इस दृढ़ और साहसिक स्थान की सराहना कर रहा है।*