हिमाचल में संकट की पुनः प्रतिष्ठा से बचाव के लिए कांग्रेस ने बनाई छह सदस्यीय समिति
भारतीय राजनीति में आए दिनों हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक दलों के बीच उथल-पुथल मची हुई है। इसके निदान के लिए कांग्रेस ने एक छह सदस्यीय समिति की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य है हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक संकट की पुनः प्रतिष्ठा करना।
कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष श्रीमान सुरेश दुहानी ने बताया कि यह समिति हिमाचल प्रदेश की राजनीतिक दलों के बीच संवाद को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। समिति के सदस्यों में पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमान विरभद्र सिंह, वरिष्ठ नेता श्रीमान अनिल शर्मा, और पार्टी के अन्य प्रमुख शामिल हैं।
समिति के नेतृत्व में सुनिश्चित किया जाएगा कि पार्टी के सभी संस्थापक अधिकारियों की एक अधिकृत बैठक हो, जिसमें हर संभावित मुद्दे पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने इस समय को “सामाजिक एकता की जरूरत का समय” बताया और समाज में सांप्रदायिक वातावरण को बढ़ाने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता को जोर दिया।
सुनिश्चित किया गया है कि इस समिति को हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक विकास और संरक्षण के लिए संपूर्ण सामर्थ्य से काम करने का निर्देश दिया जाएगा।
इसे याद रखना जरूरी है कि हाल ही में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखा गया था। इससे आम जनता को उठाने वाले संकटों को ध्यान में रखते हुए, कांग्रेस ने इस समिति की स्थापना की है।
इस समिति के बढ़ते दबाव के चलते हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक माहौल में वातावरण में सुधार आएगा, जो कि प्रदेश के लोगों के हित में होगा।
अंत में, यह समिति प्रदेश में सुशासन की भावना को मजबूत करने और राजनीतिक विपरीतताओं को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।