महाराष्ट्र में भाजपा की प्रचंड जीत: देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने को तैयार

JB Expert

महाराष्ट्र की राजनीति में 2024 एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुआ है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों की महायुति ने भारी बहुमत के साथ विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की है। इस प्रचंड जनादेश के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और दो बार के मुख्यमंत्री रहे देवेंद्र फडणवीस को तीसरी बार महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। उनके नेतृत्व में महायुति सरकार 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण करेगी।

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भाजपा और महायुति की ऐतिहासिक जीत

20 नवंबर 2024 को संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अपने दम पर 132 सीटों पर विजय प्राप्त की, जो कि पार्टी के इतिहास में महाराष्ट्र में सबसे बड़ी जीत है। महायुति गठबंधन, जिसमें शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) शामिल हैं, ने कुल 230 सीटों पर कब्जा जमाया। विपक्ष पूरी तरह बिखर गया, और कांग्रेस तथा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना जैसे दल संघर्ष करते हुए नजर आए।

यह जीत केवल संख्या बल की नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र के मतदाताओं का एक स्पष्ट संदेश है कि वे विकास और स्थिरता चाहते हैं। महायुति के इस जनादेश ने न केवल भाजपा के संगठनात्मक ढांचे की मजबूती को साबित किया है, बल्कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व की स्वीकार्यता को भी।

देवेंद्र फडणवीस: नेतृत्व की स्वीकृति

देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र की राजनीति में एक सक्षम प्रशासक और दूरदर्शी नेता के रूप में जाना जाता है। 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में विकास योजनाओं को गति दी। नागपुर से आने वाले इस नेता की छवि एक सुलझे हुए और साफ-सुथरे राजनीतिज्ञ की है।

फडणवीस की अगुवाई में भाजपा ने महाराष्ट्र में बड़ी-बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत की, जैसे मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे, बुलेट ट्रेन परियोजना, और किसानों के लिए राहत योजनाएं। 2019 में सत्ता गंवाने के बावजूद, फडणवीस ने एक मजबूत विपक्षी नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई।

महायुति का निर्माण और विपक्ष की कमजोरियां

महायुति के रूप में भाजपा ने न केवल सहयोगी दलों को साथ लाने में सफलता पाई, बल्कि अपने गठबंधन को स्थिर और सशक्त भी बनाया।

  • शिवसेना (शिंदे गुट): उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना में आई टूट का फायदा भाजपा ने पूरी तरह उठाया। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र के पारंपरिक शिवसैनिक मतदाताओं का दिल जीता।
  • एनसीपी (अजित पवार गुट): शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के भीतर आई दरार ने अजित पवार को भाजपा का साथ देने का मौका दिया। अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी गुट ने महायुति को मजबूती दी।

इसके विपरीत, विपक्ष में तालमेल की कमी साफ नजर आई।

  • कांग्रेस पार्टी: लगातार कमजोर नेतृत्व और अंदरूनी कलह के कारण कांग्रेस इस चुनाव में बुरी तरह पिछड़ गई।
  • उद्धव ठाकरे की शिवसेना: शिवसेना के उद्धव गुट ने हार के बाद खुद को केवल भाजपा और शिंदे गुट को कोसते हुए पाया।

भाजपा की रणनीति: मिशन महाराष्ट्र 2024

भाजपा ने इस बार चुनाव में जमीनी स्तर पर जोरदार तैयारी की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के मार्गदर्शन में पार्टी ने ‘डोर-टू-डोर’ अभियान चलाया।

  • विकास के एजेंडे पर फोकस: भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार में विकास योजनाओं और राज्य की आर्थिक प्रगति को प्राथमिकता दी।
  • संघ का समर्थन: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी भाजपा को हरसंभव समर्थन दिया।

फडणवीस की ताजपोशी: सर्वसम्मति का फैसला

4 दिसंबर को भाजपा की कोर कमेटी और महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल की बैठक मुंबई के ताज प्रेसिडेंट होटल में हुई। केंद्रीय पर्यवेक्षक नर्मला सीतारमण और विजय रूपाणी की मौजूदगी में देवेंद्र फडणवीस को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया।

इस दौरान, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा,
“हमने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में ऐतिहासिक चुनाव लड़ा और ऐतिहासिक जनादेश प्राप्त किया। अब समय है महाराष्ट्र को देश का नंबर एक राज्य बनाने का।”

शपथ ग्रहण समारोह: महाराष्ट्र का नया युग

5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को लेकर उत्साह चरम पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के शीर्ष नेता इस समारोह में भाग लेंगे।

  • देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
  • एकनाथ शिंदे और अजित पवार उपमुख्यमंत्री पद संभालेंगे।
  • महायुति के अन्य प्रमुख नेता भी शपथ लेंगे।

यह समारोह केवल एक राजनीतिक घटना नहीं है, बल्कि यह महाराष्ट्र के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।

जनता की उम्मीदें और विपक्ष की चुनौतियां

भाजपा और महायुति की इस ऐतिहासिक जीत ने जनता की उम्मीदों को आसमान पर पहुंचा दिया है।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में किसान चाहते हैं कि कर्ज माफी और फसल बीमा योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू किया जाए।
  • शहरी क्षेत्र के लोग बुनियादी ढांचे में सुधार और रोजगार के अवसरों की उम्मीद कर रहे हैं।
  • छोटे और मध्यम व्यवसायी जीएसटी और अन्य कर सुधारों में राहत की मांग कर रहे हैं।

दूसरी ओर, विपक्ष के लिए यह समय आत्मचिंतन का है।

  • कांग्रेस को अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है।
  • उद्धव ठाकरे और शरद पवार को अपने-अपने दलों को टूटने से बचाने की बड़ी चुनौती है।

निष्कर्ष: महाराष्ट्र की राजनीति का नया अध्याय

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा और महायुति सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका लक्ष्य केवल सत्ता में बने रहना नहीं, बल्कि महाराष्ट्र को विकास और प्रगति के नए पथ पर ले जाना है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा कैसे अपने वादों को पूरा करती है और विपक्ष किस तरह से इस नई चुनौती का सामना करता है। लेकिन एक बात निश्चित है – महाराष्ट्र की राजनीति का यह नया अध्याय हर मायने में ऐतिहासिक है।

जय महाराष्ट्र, जय भारत!

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