प्रिय मित्र,
आज का भारत एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहाँ एक तरफ़ न्यूज़ चैनल पर ‘लाहौर पर कब्ज़ा’ जैसी सनसनीखेज़ ब्रेकिंग न्यूज़ चल रही होती है और दूसरी तरफ़ आपके बच्चे के स्कूल में “ला इलाहा” पढ़ाया जा रहा होता है।
यह विरोधाभास नहीं है…
यह सोची-समझी रणनीति है।
यह सिर्फ़ डर नहीं है…
यह एक वैचारिक युद्ध है जिसमें हम आधे मोर्चे से भी नहीं लड़ पा रहे।
⚔️ सेक्शन 1: जब दुश्मन का नैरेटिव स्कूलों से शुरू होता है
आपके बच्चे के हाथ से रुद्राक्ष छीना जाता है।
कलावा काटा जाता है।
शिखा काट दी जाती है।
और संस्कृत पीरियड में “ला इलाहा इल्लल्लाह” पढ़ाया जाता है।
👉 सोचिए…
आपने जो स्कूल हिंदुत्व के नाम पर चुना,
वहाँ आपकी संतानों का इस्लामी कन्वर्ज़न करवाया जा रहा है — और वो भी “माही मैडम” बनकर घुसी महजबीन के ज़रिए।
क्या यह डर नहीं?
या हम ही इतने निढाल हो चुके हैं कि ये सब सामान्य लगता है?
💣 सेक्शन 2: पाकिस्तान के अंदर चल रहा एक्शन और भारत में नैरेटिव वॉर
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में आतंकवादी अबू सैफुल्लाह को दिन-दहाड़े नष्ट कर दिया गया।
वह भारत में कई बड़े हमलों — नागपुर आरएसएस मुख्यालय, रामपुर सीआरपीएफ कैंप, और IISc बेंगलुरु का मास्टरमाइंड था।
लेकिन भारत में इस पर शांत वातावरण।
क्यों?
क्योंकि यहाँ तो नैरेटिव चलता है सोफिया कुरैशी का…
जिसे एक मुस्लिम “सफलता की मिसाल” बताकर मोदी सरकार की मुस्लिम विरोधी छवि को झूठा साबित किया जा रहा है।
📺 सेक्शन 3: न्यूज़ और सोशल मीडिया पर चल रहा छलावा
सोफिया कुरैशी को ऐसा पेश किया गया जैसे उन्होंने Operation Sindoor को अकेले लीड किया हो।
उनकी पहचान को पसमांदा मुस्लिम के रूप में प्रचारित कर यह कहा गया कि “देखो, मोदी राज में मुसलमानों को भी तरक्की मिल रही है।”
लेकिन हक़ीक़त ये है —
वहीं समय था जब दर्जनों मुस्लिम एजेंट भारत की खुफिया जानकारी पाकिस्तान को दे रहे थे।
👉 यह है असली एजेंडा —
एक तरफ़ सेना में मुस्लिम ब्रिगेड बनाओ, दूसरी ओर उस छवि को नैरेटिव में कैश करो।
🧠 सेक्शन 4: भाजपा के नेताओं की अज्ञानता और आत्मघाती बयानबाज़ी
एक भाजपा नेता मंच से बोलते हैं:
“जिन्होंने हमारी बेटियों का सिंदूर उजाड़ा था, उनके पास हमारी बहन को भेजकर बदला लिया गया।”
❗ ये बयान सोचकर नहीं, तालियाँ बटोरने के लिए दिया गया था।
इसका नतीजा ये हुआ कि पूरा मुस्लिम नैरेटिव फिर से विक्टिम कार्ड खेलकर सेना में मुसलमानों के लिए जगह ना होने की बात करने लगा।
🧱 सेक्शन 5: Macaulay शिक्षा और राष्ट्रविरोधी प्रयोगशालाएं
आप सोचते हैं कि Macaulay Education से आपके बच्चे IAS बन जाएंगे…
पर हक़ीक़त ये है —
वहीं बच्चे स्कूलों में कलमा पढ़ रहे हैं।
सरस्वती विद्या मंदिर जैसे हिंदूवादी स्कूलों में “ला इलाहा” पढ़ाया जा रहा है।
👉 सोचिए, वो किताबें जो आपने राष्ट्र निर्माण के लिए चुनी थीं…
उन्हीं का इस्तेमाल राष्ट्र तोड़ने के लिए किया जा रहा है।
🧨 सेक्शन 6: स्लीपर सेल्स, ISIS नेटवर्क और रामपुर की खबरें
रामपुर से एक और एजेंट पकड़ा गया — शहजाद।
हैदराबाद में ISIS से जुड़े दो आतंकी बम बनाने की तैयारी में थे।
चारमीनार और अन्य बाजारों को उड़ाने की योजना थी।
भारत के अंदर ही दीमक की तरह बैठा गद्दार तंत्र सक्रिय है — और हम IPL देख रहे हैं।
🧘 सेक्शन 7: आत्ममंथन और समाधान क्या?
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अपने बच्चों की शिक्षा का पुनर्मूल्यांकन करें।
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स्कूलों और शिक्षकों की बैकग्राउंड जांच अनिवार्य हो।
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Digital और Social Narrative पर पकड़ बनाएं।
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Macaulay system को छोड़कर, Sanatan-centric curriculum अपनाएं।
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IAS-IPS बनाना नहीं, विचारशील सैनिक और राष्ट्रप्रेमी नागरिक बनाना ज़रूरी है।
📢 समापन: डर का माहौल है — पर समाधान भी आपके हाथ में है
आपके बच्चे का शिखा काटा जा रहा है।
रुद्राक्ष छीना जा रहा है।
कलमा पढ़ाया जा रहा है।
और आप बस यह सोचकर संतुष्ट हैं कि हम तो सेफ़ हैं।
❗यह भ्रम छोड़िए।
❗यह युद्ध वैचारिक है।
❗यह “ढाई मोर्चे का चक्रव्यूह” है — और इसके लिए हमें आध्यात्मिक, वैचारिक, और डिजिटल तैयारियाँ करनी होंगी।
📘 Guruji का Action Step:
👉 इस ढाई मोर्चे के चक्रव्यूह को समझने के लिए मेरी पुस्तक ज़रूर पढ़िए।
👉 इस ब्लॉग को शेयर कीजिए।
👉 और कमेंट में बताइए —
क्या आप तैयार हैं इस युद्ध के लिए?
📌 कुछ जरूरी Resources:
✊ जय सनातन, जय भारत,
Guruji Sunil Chaudhary
India’s Leading Digital Success Coach & Sanatan Thinker
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