दार्जिलिंग: राजनीतिक समीकरण दिन-प्रतिदिन बदलते हुए, 3-कोने संघर्ष के लिए तैयार है। – दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल दार्जिलिंग नए राजनीतिक उतार-चढ़ाव के सामने है, जब लोकसभा चुनाव की तारीखों का क़रीबी आना है। इस बार दार्जिलिंग में 3-कोने संघर्ष का माहौल बन चुका है, जिसमें अब तक की राजनीतिक गणित में अदालत पंजीकृत दल, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और गोर्खा जनमुक्ति मोर्चा (जेएमएम) शामिल हैं।
दार्जिलिंग में राजनीतिक पारितंत्र में बदलाव आने के बाद से, यहाँ के नागरिकों में उत्साह और रुचि दोनों बढ़ गई है। पिछले कुछ समय से ही देखा जा रहा है कि दार्जिलिंग में जेएमएम की चाल पर बीजेपी और अदालत पंजीकृत दल की सक्रियता में वृद्धि हो रही है।
बीजेपी के प्रमुख राजनीतिक नेता ने हाल ही में दार्जिलिंग में एक स्वागत सभा को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी की राजनीतिक योजनाओं को साझा किया और स्थानीय जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार द्वारा विकास के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जो दार्जिलिंग को और विकसित और प्रोग्रेसिव बनाने में मदद करेंगी।
दूसरी ओर, जेएमएम के नेता ने भी स्थानीय जनता को अपनी ओर खींचने के लिए कई कदम उठाए हैं। उनकी पार्टी ने पिछले कुछ समय से ही दार्जिलिंग में अपने कार्यकर्ताओं की गतिविधियों को तेज़ किया है, जिससे पार्टी का नाम और चर्चा दार्जिलिंग में बढ़ गई है।
अदालत पंजीकृत दल भी दार्जिलिंग में अपनी गतिविधियों को बढ़ावा देने में जुटा है। उनके नेता ने कहा कि उनका ध्यान स्थानीय मुद्दों, विकास और सुरक्षा के प्रश्नों पर है।
दार्जिलिंग में होने वाले 3-कोने संघर्ष का अंत तो चुनावी मतदान पर ही होगा, लेकिन यहाँ के नागरिक राजनीतिक उतार-चढ़ाव के सामने ज़ोरदार बौने हैं। उन्हें लगता है कि इस बार की चुनाव जातिवाद और धार्मिकता के मामलों पर भी नजर रखने के साथ-साथ स्थानीय मुद्दों पर आधारित हो सकते हैं।