चुनाव 2024: यूपी-बिहार में AIMIM की एंट्री ने बढ़ाई टेंशन, जानिए कैसे ‘INDIA’ गठबंधन का खेल बिगाड़ सकते हैं ओवैसी – आम चुनाव 2024 के तीसरे चरण के नजदीक आते हुए, राजनीतिक गतिविधियों में एक नजर AIMIM (अल्ल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) की ओर जा रही है, जो कि यूपी (उत्तर प्रदेश) और बिहार में अपनी एंट्री कर रही है। इससे ‘INDIA’ गठबंधन जैसे महत्वपूर्ण राजनीतिक दलों की टेंशन में बढ़ावा हो रहा है।

चुनाव 2024: यूपी-बिहार में AIMIM की एंट्री ने बढ़ाई टेंशन, जानिए कैसे 'INDIA' गठबंधन का खेल बिगाड़ सकते हैं ओवैसी

ओवैसी के AIMIM के प्रवेश के बाद, यूपी और बिहार के राजनीतिक समीकरण में तेजी आ गई है। वे वहां मुस्लिम मतगणना के लिए अपना प्रोजेक्ट चला रहे हैं, जिससे कि उनका बोलबाला मुस्लिमों के बीच मजबूत हो सके।

यह खुलासा आईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के लिए विपक्षी दलों के लिए एक चिंता का कारण बना है, क्योंकि उनकी पार्टी की एंट्री से मुस्लिम मतगणना में विभाजन का खतरा बढ़ गया है।

ओवैसी ने हाल ही में कहा कि उनका लक्ष्य यूपी और बिहार में जनता को सच्चाई और न्याय की दिशा में ले जाना है। लेकिन इसके बावजूद, वे ‘INDIA’ गठबंधन के विपक्ष में उत्तर प्रदेश और बिहार में अपनी भूमिका को लेकर चिंतित हैं।

‘INDIA’ गठबंधन में शामिल दलों ने AIMIM की एंट्री को लेकर अपने अभियान की तयारी में और भी सख्ती से काम किया है। इससे प्रकट होता है कि आने वाले चुनाव में AIMIM की उपस्थिति गठबंधन के सांघर्ष में एक और महत्वपूर्ण कारक बन सकती है।

इसके अलावा, यह भी देखा जा रहा है कि AIMIM की एंट्री से मुस्लिम मतगणना में एक नई दावेदारी का आगमन हो सकता है, जो कि बिहार और यूपी के राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह से परिवर्तित कर सकता है।

ओवैसी की यह राजनीतिक चाल उनके और उनके दल के लिए एक महत्वपूर्ण दौर को दर्शाती है। यह चुनावी अभियान में दिखाए गए हौंसले ने यह साबित किया है कि AIMIM ने उत्तर प्रदेश और बिहार के राजनीतिक मैदान में अपनी पकड़ मजबूत करने का मकसद बनाया है।

आने वाले चुनाव में AIMIM की एंट्री से, यूपी और बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में नई चुनौतियों का सामना हो सकता है, और इससे ‘INDIA’ गठबंधन की गणना को भी प्रभावित किया जा सकता है।