अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में होली के उत्सव को लेकर चल रहे विवाद के मध्य, विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर, प्रोफेसर मोहम्मद वसीम अली ने शांति और सद्भाव की अपील की है। इस उत्सव के आयोजन के लिए कुछ हिन्दू छात्रों द्वारा परमिशन मांगे जाने पर कुछ मुस्लिम छात्रों ने विरोध जताया, जिसके बाद छात्रों और प्रशासन के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।
प्रॉक्टर ऑफिस के बाहर देर रात तक चले घेराव के बाद, प्रो. वसीम अली ने वार्तालाप में बताया कि यूनिवर्सिटी की मौजूदा परंपराओं का सम्मान करते हुए कोई भी नई परंपरा शुरू नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी प्रकार के विवाद से बचें।
विवाद को सुलझाने के लिए अलीगढ़ प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच बातचीत जारी है। एएमयू के सेकुलर चरित्र को बरकरार रखते हुए दोनों पक्षों के बीच संतुलन और समझौते की कोशिश की जा रही है।
प्रो. वसीम अली ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में सभी छात्रों को समान अधिकार और स्वतंत्रता प्रदान की जाती है, और किसी भी प्रकार की गतिविधि जो कानून, परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों के अनुकूल हो, उसे समर्थन दिया जाएगा। इस घटना ने विश्वविद्यालय के विविध सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश पर प्रकाश डाला है, जहाँ सभी छात्रों को सामंजस्य और सद्भाव के साथ रहने की आवश्यकता है। विवाद के इस क्षण में भी, विश्वविद्यालय की एकता और विविधता को बरकरार रखने का महत्व स्पष्ट होता है।
विवाद के समाधान की दिशा में, एएमयू प्रशासन ने छात्रों और फैकल्टी के साथ बैठकें आयोजित की हैं। इन बैठकों में, विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित होने वाले सभी त्यौहारों और कार्यक्रमों के दौरान सम्मान और सामाजिक सद्भाव की महत्वपूर्णता पर बल दिया गया।
इस घटनाक्रम के मध्य, अन्य छात्रों और संगठनों ने भी शांति और सद्भाव की अपील की है। उन्होंने छात्र समुदाय से आह्वान किया है कि वे अपनी आपसी मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाएं और विश्वविद्यालय की परंपरा और गरिमा को बनाए रखें।
इस प्रकरण ने एएमयू के छात्र समुदाय में एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म दिया है, जिसमें सांस्कृतिक समझदारी, आपसी सम्मान और विविधता के महत्व को उजागर किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी छात्रों को आश्वस्त किया है कि उनकी चिंताओं को सुना जाएगा और समाधान की खोज में हर संभव प्रयास किया जाएगा।
आखिरकार, एएमयू में चल रहे इस विवाद ने न केवल विविधता और समझदारी की बातचीत को प्रोत्साहित किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि कैसे समुदाय के अंदर मौजूद मतभेदों को भी एकता और समझदारी के माध्यम से सुलझाया जा सकता है। यह घटना एएमयू के छात्रों, फैकल्टी, और प्रशासन के लिए एक सीखने का अवसर बन गई है, जिससे भविष्य में इस तरह के मुद्दों को और अधिक प्रभावी और समझदारी से संभाला जा सके
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