रमजान के पवित्र महीने में, सऊदी अरब की मस्जिदों में एक नई पहल देखने को मिलेगी। सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आदेशानुसार, मस्जिदों में इफ्तार पार्टियों का आयोजन प्रतिबंधित किया गया है। यह निर्णय सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक सेट निर्देशों के तहत आया है, जिसमें मस्जिद के कर्मचारियों को रमजान के दौरान पालन करने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा, इमाम और मुअज्जिन को इफ्तार के आयोजन के लिए दान एकत्र करने से भी मनाही है। इस कदम का उद्देश्य सामुदायिक समारोहों में संभावित विघटन को कम करना और मस्जिदों में पवित्रता और एकाग्रता को बनाए रखना है।
यह निर्णय सऊदी अरब में धार्मिक और सामाजिक प्रथाओं में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का प्रतीक है। इससे पहले, रमजान के महीने में मस्जिदों में इफ्तार पार्टियां एक सामान्य परंपरा थीं, जहां समुदाय के सदस्य इफ्तार के लिए एकत्र होते थे। हालांकि, नए निर्देशों के साथ, मस्जिदें अब केवल प्रार्थना और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए समर्पित रहेंगी।
इस प्रतिबंध का प्रभाव सऊदी समाज पर कैसा होगा, यह समय के साथ ही पता चलेगा। फिलहाल, सऊदी अरब की मस्जिदें और उनके कर्मचारी इन नए निर्देशों का पालन करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।