धुरंधर: एक फ़िल्म नहीं, भारत की भू-राजनीति और भीतर छिपे गद्दारों पर सबसे बड़ा आइना

By Tandav Coach – Acharya Sunīl Chaudhari

धुरंधर इस समय केवल बॉक्स ऑफिस पर नहीं, बल्कि भारत के narrative war में सबसे बड़ा हथियार बन चुकी है। यह फ़िल्म एक ऐसे समय में आई है जब दुनिया narrative control को national security जितना ही महत्वपूर्ण मानती है।

और शायद इसलिए—
Dhurv Rathi–type Left Liberals, pseudo-intellectual circles और Pakistan premi ecosystem इस फ़िल्म से इतना परेशान दिख रहा है।
क्योंकि Dhurandhar पहली बार भारत की कहानी भारत के नज़रिये से बताती है।

Video


🔱 1. RAW बनाम ISI: फ़िल्म का “Reality Check”

भारतीय cinema ने हमेशा spy life को glamourise किया है।
Beach scenes, item songs, कभी-कभी ISI लड़की से romance—ये सब चीज़ें फ़िल्मों में होती रही हैं।

पर धुरंधर पहली फ़िल्म है जिसने RAW agents की असली ज़िंदगी की जलन, चोट, अकेलापन और मौत की सच्चाई दिखाई।

  • Mission से पहले आदमी अपना घर छोड़ देता है

  • अपना नाम छोड़ देता है

  • अपनी identity मिटा देता है

  • और कभी-कभी अपनी मौत तक किसी के सामने नहीं आती

फ़िल्म में जब एक RAW agent के सामने भारतीय एजेंट को torture किया जा रहा है, और वह अपने mission के कारण helpless खड़ा है—
यही वो दृश्य है जिसने lakhs of Indians को अंदर तक हिला दिया।


🔱 2. पाकिस्तान की असलियत पर इतनी मिर्ची क्यों?

Left lobby और Pakistan premi circles का सबसे बड़ा रोना यही है कि
“पाकिस्तान को इतना बुरा क्यों दिखाया?”

Guruji,
दुनिया का कौन सा brainwashing इस्तेमाल करते हैं ये लोग…
Pakistan को अच्छा दिखाना क्या Gandhi Prize जीतने जैसा है?

Pakistan ने भारत को कमजोर करने के लिए:

  • Fake Currency छापी

  • Sleeper Cells activate किए

  • Kashmir और Northeast में unrest फैलाया

  • Liyari जैसे इलाकों को terror logistics hub बनाया

  • 26/11 तक execute कराया

तो फ़िल्म में सच क्यों न दिखे?

आज Pakistan का ecosystem इसलिए जल रहा है क्योंकि
भारत अब victim नहीं, counter-attacker की तरह दिखाया जा रहा है।


🔱 3. क्यों रो रहा है Dhruv Rathi Ecosystem?

धुरंधर के trailer आते ही Leftist circles का meltdown शुरू हो गया।
क्यों?

क्योंकि Dhurandhar:

  • राष्ट्रवाद को hyper नहीं, normal दिखाती है

  • RAW को hero नहीं, protector दिखाती है

  • Pakistan को दोस्त नहीं, threat दिखाती है

  • और सबसे बड़ा अपराध—
    भारत के अंदर बैठे गद्दारों को नाम लिए बिना expose कर देती है।

फ़िल्म का वो dialogue:

“भारत का सबसे बड़ा दुश्मन पाकिस्तान नहीं…
भारत का सबसे बड़ा दुश्मन भारतीय ही हैं।”

ये लाइन सीधे-सीधे pseudo-secular, anti-India, foreign-funded ecosystem पर वार करती है।
इसलिए इतने लोग चिढ़े हुए हैं।


🔱 4. BBC और International Media की Double Standards

BBC की documentary टीम Liyari पहुँच गई “फ़िल्म की fact-checking” करने।
वाह… क्या साहस!

लेकिन Bahawalpur training camp
Hafiz Saeed network
ISI safe houses

इन जगहों पर कैमरा क्यों नहीं ले जाते?

क्योंकि सच दिखाने से international narrative टूट जाएगा
और India का moral high-ground मजबूत हो जाएगा।


🔱 5. एक Cultural Revolution: RAW की प्रतिष्ठा

America अपनी CIA को Hollywood के through powerful दिखाता है।
Russia ने decades तक KGB को icon बनाया।
China ने Wolf Warrior series से अपनी army का global perception बदल दिया।

और भारत?

India ने decades तक अपने RAW को:

  • comical

  • romantic

  • unrealistic

  • filmy
    दिखाया।

लेकिन Dhurandhar ने RAW को पहली बार pride, honour और dignity दी है।

और यही बात देशभक्त युवाओं के मन में आग लगा रही है।


🔱 6. Umar Fayaz और Aurangzeb की शहादत—Islamophobia या Reality?

जब Left lobby “Islamophobia, Islamophobia” चिल्लाती है,
तब याद आता है—

Lieutenant Umar Fayaz,
Rifleman Aurangzeb,

दोनों भारतीय मुस्लिम सैनिक,
दोनों पाकिस्तान-backed आतंकियों द्वारा मारे गए।

उनकी शहादत को कोई highlight नहीं करता,
क्योंकि यह narrative उनके sponsors के narrative से टकराता है।

धुरंधर ऐसे ही दोहरेपन को काटता है—और इसलिए असहजता फैलती है।


🔱 7. Dhurandhar का असली संदेश: Narrative is National Security

जो देश अपनी कहानी खुद नहीं लिखता,
उसकी कहानी उसके दुश्मन लिखते हैं।

भारत ने वर्षों तक अपने हीटरों को भूलकर दोनंबरी influencers को मुख्य धारा बना दिया।
पर Dhurandhar जैसे सिनेमाई युद्ध अब narrative को वापस भारत के हाथ में देते दिख रहे हैं।

यह फ़िल्म reminder है कि—

भारत का युद्ध सीमा पर नहीं,
सोशल मीडिया पर भी लड़ा जा रहा है।
और RAW बनाम ISI के साथ-साथ
Truth vs Propaganda का युद्ध भी चल रहा है।


🔱 8. निष्कर्ष: Dhurandhar एक Turning Point है

Dhurandhar सिर्फ spy thriller नहीं है।
यह एक Cultural Awakening है —
एक संकेत कि भारत अब defensive नहीं रहेगा।

अगर आप अपने देश के लिए गर्व, सम्मान और सत्य चाहते हैं—
तो ऐसी फ़िल्में सिर्फ entertainment नहीं,
एक awareness mission की तरह काम करती हैं।

और यही कारण है कि Dhurandhar एक फिल्म नहीं,
एक Movement बन चुकी है।

जय सनातन।
वन्दे मातरम्।

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