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2050 में अमेरिका से कितनी बड़ी सुपरपावर बनेगा भारत? ये छोटे-छोटे एशियाई देश भी टॉप 10 की लिस्ट में

mgulam

साल 2050 में 3 एशियाई देश दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर उभरेंगे. टॉप फाइव इकोनॉमी में चीन, भारत और इंडोनेशिया का नाम होगा, जबकि जापान और जर्मनी जैसे देश लिस्ट में नहीं होंगे.

2050 में अमेरिका से कितनी बड़ी सुपरपावर बनेगा भारत? ये छोटे-छोटे एशियाई देश भी टॉप 10 की लिस्ट में

2050 में अमेरिका से कितनी बड़ी सुपरपावर बनेगा भारत? ये छोटे-छोटे एशियाई देश भी टॉप 10 की लिस्ट में

ये सदी एशियाई देशों की सदी है, 21वीं सदी को लेकर कई बड़े एक्सपर्ट्स ऐसी भविष्यवाणी कर चुके हैं. उनका मानना है कि एशियाई देश अमेरिका और यूरोपिय देशों की तुलना में ज्यादा तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. एशियाई देशों की इस रफ्तार को देखते हुए अनुमान लगाया गया कि आधी सदी यानी 2050 तक छोटे-छोटे देश आर्थिक रूप से इतने मजबूत हो जाएंगे कि बड़े देशों को पीछे छोड़ देंगे. 2050 में विश्व की इकॉनोमी कितनी होगी और कौन सी सुपरपावर दुनिया पर राज करेंगी? इसे लेकर प्राइसवॉटरहाउसकूपर्स इंटरनेशनल लिमिटेड या PwC ने ‘वर्ल्ड इन 2050’ नाम से एक रिपोर्ट तैयार की. इसमें कहा गया कि 2050 तक उभरती अर्थव्यवस्थाएं  या विकासशील देश उन्नत अर्थव्यवस्था या विकसित देशों से आगे निकल जाएंगे.

PwC ने साल 2017 में यह रिपोर्ट जारी की थी और बताया कि 2050 तक दुनिया की अर्थव्यवस्था दोगुनी से भी ज्यादा हो जाएगी, जिसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी विकासशील देशों की होगी. रिपोर्ट के हिसाब से 26 साल बाद ग्लोबल इकोनॉमी 130 फीसदी होगी. PwC दुनिया की टॉप अकाउंटेंसी फर्म में से एक है.

E7 देशों की अर्थव्यवस्था G7 मुल्कों से दुगनी तेजी से बढ़ेगी
E7 सात विकासशील देशों का एक समूह है, जबकि  G7 विकसित देशों का ग्रुप है. E7 में भारत, चीन, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, वियतनाम और नाइजीरिया हैं. वहीं, G7 में संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा और इटली हैं. E7 देशों की अर्थव्यवस्था G7 से लगभग दोगुनी तेजी से बढ़ेगी. रिपोर्ट में कहा गया कि 2016 से 2050 के बीच सालाना G7 देशों में काम करने वाले युवाओं में -0.3 फीसद की नकारात्मक वृद्धि  होने के कारण ये देश इकोनॉमिक ग्रोथ के तौर पर नीचे आ जाएंगे. यह भी अनुमान लगाया गया कि यूरोपियन यूनियन देशों की जीडीपी 10 फीसदी नीचे चली जाएगी. यूरोपियन यूनियन 27 यूरोपिय देशों का समूह है, जिसमें फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, ग्रीस, ऑस्ट्रिया जैसे देश शामिल हैं.

रिपोर्ट की ये भविष्यवाणी अगर सही साबित होती है तो दुनिया की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. 1995 से E7 देशों की अर्थव्यवस्था G7 की आधी रही है, लेकिन 2050 तक इसमें स्थिति पलटने का अनुमान है.

कौन सा देश होगा दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
अमेरिका अभी दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. लेकिन 2050 तक यह तीसरे नंबर पर आ जाएगा, जबकि चीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर पहले नंबर पर होगा. दुनिया की कुल अर्थव्यवस्था में उसकी 20 फीसदी हिस्सेदारी होगी. अभी यह आंकड़ा 18 फीसदी है. वर्तमान की टॉप 5 इकोनॉमी में शामिल जापान और जर्मनी 2050 तक लिस्ट में नहीं होंगे.

2050 तक भारत होगा दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है. हालांकि, 2050 तक भारत पीएम मोदी के सपने से भी आगे निकल जाएगा और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. वर्तमान में उसकी 7 फीसदी हिस्सेदारी है, जो 2050 तक बढ़कर 15 फीसदी हो जाएगी. भारत की इकोनॉमी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. अभी भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. 2050 में इंडोनेशिया चौथे और ब्राजील पांचवें नंबर पर होगा.