“बीरबल की हाजिरजवाबी: सजा या इनाम?”

कहानी:

  1. एक दिन अकबर ने गुस्से में बीरबल से कहा, “बीरबल, तुम्हें आज दरबार से निकाल दिया जाता है!”
  2. दरबारी हैरान रह गए और सोचने लगे कि बीरबल ने ऐसी कौन सी गलती की है।
  3. बीरबल बिना कोई विरोध किए अकबर के सामने सिर झुकाकर चला गया।
  4. कुछ दिनों बाद अकबर को महसूस हुआ कि दरबार में बीरबल की कमी खल रही है।
  5. अकबर ने बीरबल को बुलाने का आदेश दिया।
  6. जब बीरबल वापस दरबार में आया, अकबर ने उससे पूछा, “तुम्हें गुस्सा नहीं आया कि मैंने तुम्हें दरबार से निकाल दिया था?”
  7. बीरबल मुस्कुराया और बोला, “जहाँपनाह, मैं सोच रहा था कि आप मुझे सजा दे रहे हैं या इनाम! क्योंकि आप जहाँ भेजते हैं, वहाँ मेरा मान-सम्मान बढ़ता है।”
  8. अकबर बीरबल की हाजिरजवाबी पर हंस पड़े और कहा, “तुमसे कोई मुकाबला नहीं कर सकता, बीरबल!”

मोरल:

समस्या को हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण से देखना चाहिए, क्योंकि हर परिस्थिति में कुछ अच्छा छिपा होता है।