“बीरबल की हाजिरजवाबी: सजा या इनाम?”
कहानी:
- एक दिन अकबर ने गुस्से में बीरबल से कहा, “बीरबल, तुम्हें आज दरबार से निकाल दिया जाता है!”
- दरबारी हैरान रह गए और सोचने लगे कि बीरबल ने ऐसी कौन सी गलती की है।
- बीरबल बिना कोई विरोध किए अकबर के सामने सिर झुकाकर चला गया।
- कुछ दिनों बाद अकबर को महसूस हुआ कि दरबार में बीरबल की कमी खल रही है।
- अकबर ने बीरबल को बुलाने का आदेश दिया।
- जब बीरबल वापस दरबार में आया, अकबर ने उससे पूछा, “तुम्हें गुस्सा नहीं आया कि मैंने तुम्हें दरबार से निकाल दिया था?”
- बीरबल मुस्कुराया और बोला, “जहाँपनाह, मैं सोच रहा था कि आप मुझे सजा दे रहे हैं या इनाम! क्योंकि आप जहाँ भेजते हैं, वहाँ मेरा मान-सम्मान बढ़ता है।”
- अकबर बीरबल की हाजिरजवाबी पर हंस पड़े और कहा, “तुमसे कोई मुकाबला नहीं कर सकता, बीरबल!”
मोरल:
समस्या को हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण से देखना चाहिए, क्योंकि हर परिस्थिति में कुछ अच्छा छिपा होता है।
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