बीरबल की तीन कौड़ियों का सवाल

कहानी:

एक दिन अकबर अपने दरबार में बैठे थे, और उन्होंने सभी दरबारियों को एक कठिन सवाल पूछने का मन बनाया। उन्होंने कहा, “जो कोई भी मेरे इस सवाल का सही जवाब देगा, उसे मैं इनाम दूंगा।”

सवाल था, “इस दुनिया में सबसे कीमती चीज़ क्या है, और सबसे सस्ती चीज़ क्या है?”

सभी दरबारी सोच में पड़ गए, लेकिन कोई भी सही जवाब नहीं दे सका। तब अकबर ने बीरबल की ओर देखा और कहा, “बीरबल, तुम इस सवाल का जवाब दे सकते हो?”

बीरबल मुस्कुराते हुए खड़ा हुआ और बोला, “जहाँपनाह, मैं इस सवाल का जवाब तीन कौड़ियों में दूंगा।”

कहानी:

बीरबल ने तीन कौड़ियां निकालकर अकबर के सामने रख दीं और कहा, “जहाँपनाह, सबसे कीमती चीज़ इंसान की बुद्धि है, और सबसे सस्ती चीज़ उसकी आलस्य।”

अकबर ने पूछा, “यह कैसे?”

बीरबल ने समझाया, “अगर इंसान अपनी बुद्धि का सही उपयोग करे, तो वह इस दुनिया में सबसे कीमती बन जाता है। लेकिन अगर वह आलस्य में डूबा रहे, तो उसकी कीमत तीन कौड़ियों से भी कम हो जाती है।”

अकबर ने बीरबल की बातों से सहमति जताई और कहा, “बीरबल, तुमने एक बार फिर अपनी बुद्धिमानी से साबित कर दिया कि तुम्हारे जैसा कोई नहीं है।”

मोरल:

इस कहानी से यह सिखने को मिलता है कि इंसान की असली कीमत उसकी बुद्धि और कार्यशक्ति में होती है। आलस्य से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता।

इस प्रकार, बीरबल ने अपनी सूझबूझ से अकबर के कठिन सवाल का आसान और सही जवाब दिया।

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