“बीरबल की चालाकी: खजाने का राज़”

कहानी:

  1. एक दिन एक अमीर व्यापारी अकबर के दरबार में आया और बोला, “जहाँपनाह, मैंने अपने खजाने को बहुत सुरक्षित जगह छिपाया था, लेकिन अब वह खो गया है। मुझे लगता है कि किसी ने चुरा लिया है।”
  2. अकबर ने बीरबल से कहा, “इस मामले की जांच करो और खजाने का पता लगाओ।”
  3. बीरबल ने सभी नौकरों और दरबारियों को बुलाया और कहा, “आज रात तुम सब अपने घर जाकर सोने से पहले एक छड़ी लाओगे, और वह छड़ी कल सुबह तक एक इंच बढ़ जाएगी।”
  4. सभी ने अपनी-अपनी छड़ी ली और घर चले गए।
  5. चोर को चिंता होने लगी कि अगर उसकी छड़ी सच में बढ़ गई तो उसकी चोरी पकड़ी जाएगी।
  6. उसने आधी रात में डर के मारे अपनी छड़ी एक इंच काट दी।
  7. अगले दिन जब सभी दरबारी और नौकर बीरबल के पास छड़ी लेकर आए, बीरबल ने चोर की छड़ी तुरंत पहचान ली, क्योंकि वह एक इंच छोटी थी।
  8. बीरबल ने चोर को पकड़ लिया और खजाना बरामद कर लिया।
  9. अकबर ने बीरबल की बुद्धिमत्ता की तारीफ की और व्यापारी को उसका खजाना लौटा दिया।

मोरल:

चोरी या झूठ से बचने के लिए डर का सहारा लिया जाता है, लेकिन सच्चाई से कोई बच नहीं सकता।