“बीरबल की चतुराई: असली माँ कौन?”
कहानी:
- एक दिन, दो महिलाएं दरबार में आईं और एक ही बच्चे पर अपना दावा करने लगीं।
- दोनों महिलाएं कह रही थीं, “यह बच्चा मेरा है!”
- अकबर ने बीरबल से कहा, “इस समस्या का समाधान करो।”
- बीरबल ने तुरंत एक तलवार मंगवाई और कहा, “इस बच्चे को आधा-आधा काट देते हैं, ताकि दोनों को बराबर हिस्सा मिल सके।”
- पहली महिला चुप रही, लेकिन दूसरी महिला तुरंत रोते हुए बोली, “नहीं! इस बच्चे को उसे ही दे दो, बस मेरे बच्चे को नुकसान मत पहुंचाओ।”
- बीरबल ने मुस्कुराते हुए कहा, “जहाँपनाह, यही असली माँ है, क्योंकि एक सच्ची माँ अपने बच्चे की जान बचाने के लिए उसे खोने के लिए भी तैयार हो जाती है।”
- अकबर ने बीरबल की चतुराई की तारीफ की और बच्चे को उसकी असली माँ को सौंप दिया।
मोरल:
सच्चा प्यार बलिदान की भावना से भरा होता है, जो अपनों के लिए किसी भी त्याग को स्वीकार करता है।
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