“बीरबल की चतुराई: असली माँ कौन?”

कहानी:

  1. एक दिन, दो महिलाएं दरबार में आईं और एक ही बच्चे पर अपना दावा करने लगीं।
  2. दोनों महिलाएं कह रही थीं, “यह बच्चा मेरा है!”
  3. अकबर ने बीरबल से कहा, “इस समस्या का समाधान करो।”
  4. बीरबल ने तुरंत एक तलवार मंगवाई और कहा, “इस बच्चे को आधा-आधा काट देते हैं, ताकि दोनों को बराबर हिस्सा मिल सके।”
  5. पहली महिला चुप रही, लेकिन दूसरी महिला तुरंत रोते हुए बोली, “नहीं! इस बच्चे को उसे ही दे दो, बस मेरे बच्चे को नुकसान मत पहुंचाओ।”
  6. बीरबल ने मुस्कुराते हुए कहा, “जहाँपनाह, यही असली माँ है, क्योंकि एक सच्ची माँ अपने बच्चे की जान बचाने के लिए उसे खोने के लिए भी तैयार हो जाती है।”
  7. अकबर ने बीरबल की चतुराई की तारीफ की और बच्चे को उसकी असली माँ को सौंप दिया।

मोरल:

सच्चा प्यार बलिदान की भावना से भरा होता है, जो अपनों के लिए किसी भी त्याग को स्वीकार करता है।