भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही जननी सुरक्षा योजना (JSY) गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक प्रमुख स्वास्थ्य योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मातृ मृत्यु दर (MMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) को कम करना है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और गरीब परिवारों में।
जननी सुरक्षा योजना (JSY) का उद्देश्य मातृ मृत्यु दर (Maternal Mortality Rate) और शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality Rate) को कम करना और सुरक्षित मातृत्व को प्रोत्साहित करना है। इस योजना का मुख्य फोकस गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करना है, जिससे वे सुरक्षित रूप से प्रसव करवा सकें और जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें।
उद्देश्य विस्तार से:
सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करना: योजना का प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गर्भवती महिलाएं अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षित प्रसव करवाएं। इससे प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं को कम किया जा सकता है।
स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच: JSY का लक्ष्य गर्भवती महिलाओं को समय पर स्वास्थ्य सेवाओं जैसे एंटी-नेटल केयर (ANC), प्रसव के दौरान देखभाल, और पोस्ट-नेटल केयर (PNC) प्रदान करना है।
वित्तीय सहायता: योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को वित्तीय सहायता दी जाती है, जिससे उन्हें प्रसव के लिए अस्पताल जाने में सहायता मिलती है और आर्थिक कारणों से उन्हें कोई बाधा न हो। इस सहायता का उपयोग अस्पताल में प्रसव, दवाईयों, और अन्य आवश्यक देखभाल के लिए किया जा सकता है।
गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों पर फोकस: योजना विशेष रूप से उन गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित करती है जो गरीबी रेखा के नीचे (BPL) जीवन यापन करती हैं, ताकि उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ और किफायती हो सकें।
अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदायों पर विशेष ध्यान: योजना का उद्देश्य SC और ST समुदायों की गर्भवती महिलाओं को भी प्राथमिकता देना है, जिन्हें अक्सर स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच में कठिनाई होती है।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार: योजना का अंतिम उद्देश्य माताओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार करना है, जिससे प्रसव के दौरान या बाद में होने वाले खतरों को कम किया जा सके।
सामुदायिक जागरूकता: जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों को प्रसव और मातृ स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी और जागरूकता प्रदान की जाती है, ताकि वे सुरक्षित प्रसव के महत्व को समझ सकें।
जननी सुरक्षा योजना, गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और पहुंच को बढ़ाकर मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
जननी सुरक्षा योजना (JSY) की विशेषताएं:
जननी सुरक्षा योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करना और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार करना है। इसके अंतर्गत कई सुविधाएं और प्रोत्साहन दिए जाते हैं, जो योजना को प्रभावी बनाते हैं।
योजना की मुख्य विशेषताएं:
वित्तीय सहायता:
योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में प्रसव के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
यह सहायता राशि विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों (शहरी या ग्रामीण) के आधार पर भिन्न होती है।
गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाली महिलाओं, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय की महिलाओं को विशेष लाभ दिया जाता है।
इस सहायता का उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए प्रोत्साहित करना और अस्पताल में प्रसव के खर्च को कम करना है।
सुरक्षित प्रसव को प्रोत्साहन:
योजना महिलाओं को अस्पताल में प्रसव के लिए प्रोत्साहित करती है ताकि प्रसव के दौरान उत्पन्न होने वाली जटिलताओं से बचा जा सके।
प्रसव के दौरान महिलाओं को चिकित्सा सहायता, आवश्यक दवाइयाँ और विशेषज्ञ देखभाल उपलब्ध कराई जाती है।
प्रसव के बाद भी जच्चा और बच्चा दोनों की देखभाल सुनिश्चित की जाती है।
आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका:
आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) योजना के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
वे गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी देती हैं, प्रसव पूर्व देखभाल सुनिश्चित करती हैं, और प्रसव के लिए अस्पताल ले जाने में मदद करती हैं।
आशा कार्यकर्ता प्रसव के बाद भी महिला और नवजात शिशु की देखभाल करती हैं और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराती हैं।
आशा कार्यकर्ताओं को उनकी सेवाओं के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जो उन्हें योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए प्रेरित करती है।
मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं:
JSY के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व (ANC), प्रसव के दौरान और प्रसव के बाद की सभी स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं।
इसमें टीकाकरण, नियमित स्वास्थ्य जांच, पोषण संबंधी सलाह और नवजात शिशु की देखभाल जैसी सेवाएं शामिल हैं।
प्रसव के बाद महिलाओं और शिशुओं को आवश्यक दवाइयाँ और सप्लीमेंट्स भी मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते हैं।
स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच:
योजना के तहत महिलाओं को समय पर स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल पहुँचाने के लिए ट्रांसपोर्ट सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं के साथ परिवार के सदस्यों को भी जागरूक किया जाता है ताकि वे प्रसव के लिए समय पर अस्पताल पहुंच सकें।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान लाभ:
योजना का लाभ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में उपलब्ध है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि वहां की महिलाओं को भी सुरक्षित प्रसव का लाभ मिल सके।
जननी सुरक्षा योजना गर्भवती महिलाओं के लिए व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ प्रसव के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सकारात्मक सुधार होता है।
लाभार्थी कौन हो सकते हैं?
जननी सुरक्षा योजना (JSY) का उद्देश्य कमजोर और वंचित वर्गों की गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना और उन्हें सुरक्षित प्रसव के लिए प्रोत्साहित करना है। योजना के अंतर्गत निम्नलिखित महिलाएं लाभार्थी हो सकती हैं:
जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थी:
गरीब परिवार की महिलाएं (BPL):
गरीबी रेखा से नीचे (Below Poverty Line – BPL) जीवन यापन करने वाली महिलाएं योजना के तहत वित्तीय और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकती हैं।
इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को अस्पताल में प्रसव के लिए सहायता प्रदान करना है ताकि वे प्रसव के दौरान उचित स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर सकें।
अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की महिलाएं:
अनुसूचित जाति (Scheduled Caste – SC) और अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe – ST) समुदायों से संबंधित गर्भवती महिलाएं योजना के प्राथमिक लक्षित समूहों में शामिल हैं।
इन्हें आर्थिक सहायता और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सुरक्षित प्रसव के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं:
योजना का लाभ शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों की महिलाएं ले सकती हैं।
विशेष रूप से उन महिलाओं को सहायता प्रदान की जाती है जो पहली दो जीवित संतानों के प्रसव के लिए सहायता प्राप्त करना चाहती हैं।
इससे महिलाओं को प्रसव के दौरान अस्पताल जाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है और वे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकती हैं।
अन्य लाभार्थी पात्रता:
योजना के तहत केवल संस्थागत प्रसव (अस्पताल में प्रसव) को प्रोत्साहित किया जाता है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को अस्पताल या अधिकृत स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराना आवश्यक है।
गर्भवती महिलाएं जो तीसरे बच्चे के लिए गर्भवती हैं, वे इस योजना के अंतर्गत नहीं आतीं, क्योंकि योजना केवल पहली दो जीवित संतानों के प्रसव के लिए ही लाभ प्रदान करती है।
जननी सुरक्षा योजना (JSY) का मुख्य उद्देश्य आर्थिक, सामाजिक और भौगोलिक रूप से हाशिए पर रहने वाली गर्भवती महिलाओं को समर्थन प्रदान करना है, जिससे वे सुरक्षित प्रसव कर सकें और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार हो सके।
सहायता राशि
जननी सुरक्षा योजना (JSY) के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता राशि राज्यों की प्राथमिकता, क्षेत्र (ग्रामीण/शहरी), और अन्य कारकों के आधार पर भिन्न होती है। इसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल जा सकें।
सहायता राशि के प्रावधान:
ग्रामीण क्षेत्रों में सहायता राशि:
उच्च प्राथमिकता वाले राज्यों में:
इन राज्यों में गर्भवती महिलाओं को अधिक वित्तीय सहायता दी जाती है।
सहायता राशि ₹1,400 तक दी जाती है।
अन्य राज्यों में:
इन राज्यों में सहायता राशि अपेक्षाकृत कम होती है।
सहायता राशि ₹700 तक प्रदान की जाती है।
शहरी क्षेत्रों में सहायता राशि:
उच्च प्राथमिकता वाले राज्यों में:
शहरी क्षेत्रों में भी वित्तीय सहायता का प्रावधान है, हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले कम होता है।
सहायता राशि ₹1,000 तक दी जाती है।
अन्य राज्यों में:
अन्य राज्यों के शहरी क्षेत्रों में वित्तीय सहायता का प्रावधान कम है।
सहायता राशि ₹600 तक प्रदान की जाती है।
उच्च प्राथमिकता वाले राज्य:
उच्च प्राथमिकता वाले राज्यों में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर अधिक होने के कारण इन राज्यों को अधिक सहायता दी जाती है। ये राज्य मुख्यतः ऐसे हैं जहाँ स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और संस्थागत प्रसव की दरें कम हैं।
महत्व:
सहायता राशि गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के लिए प्रेरित करती है।
इससे प्रसव के दौरान होने वाले खर्च जैसे दवाइयाँ, यात्रा व्यय, और अन्य स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलती है।
जननी सुरक्षा योजना की यह वित्तीय सहायता मातृ और शिशु स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को लाभ मिलता है।
योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
जननी सुरक्षा योजना (JSY) के तहत गर्भवती महिलाएं आसानी से आवेदन कर सकती हैं। योजना का उद्देश्य महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित करना है, और इसके लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया गया है।
योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया:
स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल से संपर्क करें:
गर्भवती महिलाएं अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), या जिला अस्पताल से संपर्क कर सकती हैं।
स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी या चिकित्सक आवेदन प्रक्रिया में आपकी सहायता करेंगे और आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे।
आशा कार्यकर्ताओं की सहायता लें:
आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) कार्यकर्ता आवेदन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
वे गर्भवती महिलाओं को योजना के लाभों की जानकारी देती हैं और आवेदन करने में मदद करती हैं।
आशा कार्यकर्ता महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी मार्गदर्शन करती हैं।
आवश्यक दस्तावेज़ तैयार करें: आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:
आय प्रमाण पत्र: गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन का प्रमाण पत्र या राज्य सरकार द्वारा मान्य कोई अन्य प्रमाण पत्र।
पहचान पत्र: आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड, या कोई अन्य सरकारी मान्य पहचान पत्र।
गर्भावस्था से संबंधित रिपोर्ट: गर्भावस्था की पुष्टि के लिए स्वास्थ्य केंद्र द्वारा जारी किया गया मेडिकल सर्टिफिकेट या जाँच रिपोर्ट।
बैंक खाते का विवरण: सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है, इसलिए बैंक पासबुक की फोटोकॉपी या खाता विवरण आवश्यक है।
आवेदन प्रक्रिया:
सभी आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ स्वास्थ्य केंद्र या आशा कार्यकर्ता को आवेदन पत्र जमा करें।
दस्तावेज़ों के सत्यापन के बाद, आवेदन को आगे की प्रक्रिया के लिए मंजूरी दी जाएगी।
सहायता राशि गर्भवती महिला के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी।
महत्वपूर्ण बिंदु:
आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से निशुल्क है।
सभी स्वास्थ्य केंद्रों और आशा कार्यकर्ताओं को इस योजना की जानकारी और आवेदन प्रक्रिया की ट्रेनिंग दी गई है, जिससे वे गर्भवती महिलाओं की मदद कर सकें।
योजना के लिए आवेदन करना सरल और सीधा है, और इसमें ज्यादा समय नहीं लगता।
जननी सुरक्षा योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया को इतना सरल बनाया गया है ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इसका लाभ उठा सकें और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित कर सकें।
योजना का प्रभाव
जननी सुरक्षा योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों और गरीब तबकों में सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देकर मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी ने इसे एक सफल पहल बनाने में मदद की है।
निष्कर्ष
जननी सुरक्षा योजना महिलाओं के स्वास्थ्य को सशक्त बनाने और समाज के कमजोर वर्गों को आवश्यक समर्थन देने के उद्देश्य से एक प्रभावी कदम है। यह योजना केवल वित्तीय सहायता प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को अस्पताल में प्रसव की ओर प्रोत्साहित कर उन्हें और उनके नवजात शिशुओं को एक सुरक्षित भविष्य की ओर अग्रसर करती है।
आइए, मिलकर जननी सुरक्षा योजना का समर्थन करें और समाज में मातृत्व सुरक्षा को मजबूत बनाएं।
जननी सुरक्षा योजना (JSY) से संबंधित शीर्ष 20 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) और उनके उत्तर
जननी सुरक्षा योजना (JSY) क्या है? उत्तर: जननी सुरक्षा योजना (JSY) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक मातृत्व लाभ योजना है, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना है।
जननी सुरक्षा योजना के तहत कौन लाभ उठा सकता है? उत्तर: इस योजना का लाभ गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाली महिलाएं, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की महिलाएं, और पहली दो जीवित संतानों तक के लिए गर्भवती महिलाएं उठा सकती हैं।
जननी सुरक्षा योजना के तहत कितनी वित्तीय सहायता मिलती है? उत्तर: ग्रामीण क्षेत्रों में ₹1,400 और शहरी क्षेत्रों में ₹1,000 तक की सहायता राशि दी जाती है। गैर-प्राथमिकता वाले राज्यों में राशि कम हो सकती है।
योजना के तहत किस प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाती हैं? उत्तर: गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच, सुरक्षित प्रसव, प्रसव के बाद देखभाल, और नवजात की देखभाल जैसी मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती हैं।
जननी सुरक्षा योजना के लिए आवेदन कैसे करें? उत्तर: आवेदन के लिए गर्भवती महिला अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र, अस्पताल या आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर सकती है। आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद प्रक्रिया शुरू होती है।
आवेदन के लिए कौन-कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं? उत्तर: योजना के लिए आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड), गर्भावस्था रिपोर्ट, और बैंक खाते की जानकारी आवश्यक होती है।
आशा कार्यकर्ता की भूमिका क्या है? उत्तर: आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं को योजना के बारे में जानकारी देती हैं, प्रसव के लिए अस्पताल ले जाती हैं, और प्रसव के बाद देखभाल सुनिश्चित करती हैं।
योजना का उद्देश्य क्या है? उत्तर: योजना का मुख्य उद्देश्य सुरक्षित प्रसव को प्रोत्साहित करना, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना और गरीब एवं पिछड़े वर्ग की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
क्या योजना के तहत अस्पताल में प्रसव अनिवार्य है? उत्तर: हाँ, योजना का लाभ केवल अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के लिए ही दिया जाता है। घर पर प्रसव होने पर योजना के तहत सहायता नहीं मिलती।
क्या योजना का लाभ सभी राज्यों में समान है? उत्तर: नहीं, योजना का लाभ राज्यों की प्राथमिकता के अनुसार भिन्न हो सकता है। उच्च प्राथमिकता वाले राज्यों में अधिक सहायता राशि दी जाती है।
क्या योजना केवल पहली गर्भावस्था के लिए है? उत्तर: नहीं, योजना का लाभ पहली दो जीवित संतानों के प्रसव तक उपलब्ध है।
प्रसव के बाद सहायता राशि कब मिलती है? उत्तर: प्रसव के तुरंत बाद और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को अन्य क्या सुविधाएं मिलती हैं? उत्तर: योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच, मुफ्त दवाएं, टीकाकरण, और स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं भी मिलती हैं।
क्या योजना का लाभ निजी अस्पतालों में भी मिलता है? उत्तर: योजना का लाभ केवल सरकारी अस्पतालों और योजना में शामिल कुछ अधिकृत निजी अस्पतालों में ही मिलता है।
अगर किसी महिला को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, तो क्या करें? उत्तर: अगर योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, तो महिला अपने नजदीकी स्वास्थ्य अधिकारी या आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर सकती है और समस्या का समाधान मांग सकती है।
योजना की शुरुआत कब हुई थी? उत्तर: जननी सुरक्षा योजना की शुरुआत वर्ष 2005 में हुई थी।
इस योजना का वित्त पोषण कैसे होता है? उत्तर: जननी सुरक्षा योजना का वित्त पोषण केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
क्या इस योजना का लाभ सी-सेक्शन डिलीवरी के लिए भी मिलता है? उत्तर: हाँ, योजना का लाभ सी-सेक्शन (सर्जिकल) प्रसव के लिए भी मिलता है, बशर्ते प्रसव सरकारी अस्पताल या अधिकृत अस्पताल में हो।
क्या इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को यात्रा खर्च भी मिलता है? उत्तर: हाँ, योजना के तहत महिलाओं को अस्पताल तक पहुँचने के लिए यात्रा खर्च भी दिया जाता है।
योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए सरकार क्या कर रही है? उत्तर: सरकार योजना के प्रचार-प्रसार, आशा कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग, और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को योजना का लाभ मिल सके।