राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY) भारत सरकार द्वारा वर्ष 2008 में शुरू की गई एक महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्रदान करना है। यह योजना केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से वित्तपोषित है और समाज के कमजोर वर्गों को स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करती है।

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योजना का उद्देश्य:

इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और कमजोर वर्गों के परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करके उन्हें आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाना है। वर्तमान में स्वास्थ्य सेवा की ऊँची लागत के कारण अनेक गरीब परिवार भारी वित्तीय संकट का सामना करते हैं। गंभीर बीमारियों और चिकित्सा खर्चों की वजह से उन्हें अपनी सीमित आय में से बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है, जिससे उनका जीवन स्तर और भी नीचे चला जाता है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लक्ष्य इन परिवारों को ऐसी वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है कि वे अपनी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को बिना किसी आर्थिक चिंता के पूरा कर सकें। इस योजना के तहत:

  1. स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच: गरीब और कमजोर वर्ग के परिवारों को अस्पताल में भर्ती, ऑपरेशन, दवा और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान और मुफ्त पहुँच प्रदान करना।
  2. वित्तीय सुरक्षा: योजना के माध्यम से परिवारों को बीमारियों के उपचार के लिए आर्थिक सहायता देकर उन्हें कर्ज और भारी खर्चों से बचाना।
  3. स्वास्थ्य जागरूकता: लोगों को स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरूक करना और उन्हें समय पर इलाज करवाने के लिए प्रेरित करना।
  4. स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार: गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना ताकि उन्हें बेहतर इलाज और देखभाल मिल सके।
  5. आर्थिक बोझ को कम करना: अस्पताल के खर्चों की भरपाई करके परिवारों की वित्तीय स्थिति को स्थिर रखना और उन्हें गरीबी की ओर धकेलने वाले चिकित्सा खर्चों से बचाना।

इस प्रकार, यह योजना गरीब और कमजोर वर्गों के परिवारों को न केवल स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराती है बल्कि उन्हें वित्तीय रूप से भी सशक्त बनाती है, जिससे वे स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जी सकें।

लाभार्थी:

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का उद्देश्य समाज के कमजोर और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा उपलब्ध कराना है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो स्वास्थ्य सेवा की ऊँची लागत का बोझ वहन नहीं कर सकते। इस योजना के तहत मुख्य लाभार्थी निम्नलिखित समूह हैं:

  1. गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवार:
    • ये वे परिवार हैं जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं और जिनकी मासिक आय इतनी कम होती है कि वे स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च वहन नहीं कर सकते। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य इन परिवारों को स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
  2. अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिक:
    • रिक्शा चालक, फेरीवाले, और घरेलू कामगार: ये लोग असंगठित क्षेत्र में कार्य करते हैं और इनके पास कोई स्थायी रोजगार या आय का स्रोत नहीं होता है। ये श्रमिक किसी भी प्रकार की आर्थिक असुरक्षा का सामना करते हैं और बीमार होने पर चिकित्सा खर्च वहन करना इनके लिए अत्यधिक कठिन होता है।
  3. निर्माण श्रमिक:
    • निर्माण उद्योग में कार्यरत श्रमिक आमतौर पर अस्थायी कार्यों पर निर्भर होते हैं और इनके पास स्वास्थ्य बीमा का कोई साधन नहीं होता। इन श्रमिकों को योजना के तहत बीमा कवरेज देकर गंभीर बीमारियों और दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्रदान की जाती है।
  4. स्ट्रीट वेंडर्स (सड़क विक्रेता):
    • सड़क किनारे सामान बेचने वाले छोटे विक्रेताओं को भी इस योजना का लाभ मिलता है। ये लोग अपनी आजीविका के लिए छोटे-मोटे व्यवसाय पर निर्भर होते हैं और इनका कोई स्थायी रोजगार नहीं होता।
  5. मनरेगा श्रमिक:
    • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत कार्यरत श्रमिक जो नियमित आय का कोई स्थायी साधन नहीं रखते, उन्हें भी योजना का लाभ मिलता है।
  6. अन्य सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग:
    • इसमें ऐसे लोग शामिल हैं जो समाज के सबसे कमजोर वर्गों से आते हैं, जैसे कि आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय, एकल महिला परिवार, वृद्धजन, दिव्यांगजन, और अन्य सामाजिक रूप से हाशिये पर मौजूद समूह।

इन लाभार्थियों को इस योजना के माध्यम से स्वास्थ्य बीमा का कवरेज प्रदान किया जाता है ताकि वे बिना आर्थिक चिंता के स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें और अपना जीवन स्तर सुधार सकें।

मुख्य विशेषताएं:

  1. बीमा कवरेज:
    इस योजना के तहत प्रति परिवार प्रति वर्ष 30,000 रुपये तक का बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है। इसमें निम्नलिखित स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं:

    • इलाज और अस्पताल में भर्ती: किसी भी गंभीर बीमारी या आवश्यक उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर खर्च का कवरेज।
    • ऑपरेशन और सर्जरी: योजना के अंतर्गत आवश्यक ऑपरेशनों और सर्जरी का खर्च शामिल है।
    • दवाइयां और नैदानिक परीक्षण: इलाज के दौरान आवश्यक दवाइयों और जांच परीक्षणों का खर्च भी इस बीमा के तहत कवर किया जाता है।
    • यह कवरेज सभी पंजीकृत सरकारी और निजी अस्पतालों में उपलब्ध है, जिससे लाभार्थियों को व्यापक चिकित्सा सेवाएं प्राप्त होती हैं।
  2. कैशलेस इलाज:
    योजना के तहत लाभार्थियों को कैशलेस चिकित्सा सेवाएं प्राप्त होती हैं। इसका मतलब यह है कि पंजीकृत अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज को कोई भी नकद भुगतान नहीं करना पड़ता। यह सुविधा इलाज को सरल और तनाव-मुक्त बनाती है, जिससे गरीब परिवार बिना आर्थिक चिंता के उपचार करा सकते हैं।
  3. स्मार्ट कार्ड:
    लाभार्थियों को एक स्मार्ट कार्ड जारी किया जाता है, जिसमें उनके स्वास्थ्य बीमा की पूरी जानकारी होती है। इस कार्ड का उपयोग देशभर के पंजीकृत अस्पतालों में कैशलेस इलाज के लिए किया जा सकता है। कार्ड में व्यक्ति की पहचान और बीमा संबंधी विवरण दर्ज होते हैं, जो इलाज के समय त्वरित और सुरक्षित सेवाएं प्रदान करने में सहायक होते हैं।
  4. परिवार कवरेज:
    इस योजना के तहत एक परिवार की परिभाषा में पति, पत्नी, और तीन आश्रित (बच्चे या माता-पिता) शामिल होते हैं। योजना यह सुनिश्चित करती है कि परिवार का प्रत्येक सदस्य स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सके, जिससे संपूर्ण परिवार की चिकित्सा सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
  5. हॉस्पिटल नेटवर्क:
    योजना के तहत सरकारी और निजी दोनों प्रकार के अस्पतालों का एक विस्तृत नेटवर्क शामिल है। यह लाभार्थियों को चुनिंदा और बेहतर उपचार विकल्प प्रदान करता है, साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता में भी वृद्धि करता है।
  6. पूर्व और बाद के अस्पताल खर्च का कवरेज:
    योजना केवल अस्पताल में भर्ती होने के समय तक सीमित नहीं है; इसमें इलाज के पहले और बाद के खर्च भी शामिल होते हैं, जैसे:

    • पूर्व अस्पताल खर्च: अस्पताल में भर्ती से 1 दिन पहले के नैदानिक परीक्षण और जांच।
    • बाद का खर्च: अस्पताल से छुट्टी के बाद की देखभाल के लिए 5 दिन तक का चिकित्सा खर्च भी कवर किया जाता है।

इन सभी विशेषताओं के माध्यम से यह योजना गरीब और कमजोर वर्ग के परिवारों को व्यापक चिकित्सा सुरक्षा प्रदान करती है, जिससे वे बिना किसी आर्थिक दबाव के अपनी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकें।

कैसे करें आवेदन:

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है ताकि गरीब और कमजोर वर्ग के परिवार आसानी से इसका लाभ उठा सकें। आवेदन करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करना होता है:

  1. योग्यता जांच:
    • योजना का लाभ केवल उन परिवारों को मिलता है जो गरीबी रेखा के नीचे (BPL) जीवन यापन करते हैं। लाभार्थियों का चयन गरीबी रेखा के सर्वेक्षण (BPL सूची) के आधार पर किया जाता है।
    • सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त BPL सूची में शामिल परिवारों को स्वतः चयनित किया जाता है, और इन्हें योजना के लाभ के लिए योग्य माना जाता है।
  2. आवेदन प्रक्रिया:
    • चयनित परिवारों को योजना के तहत सूचित किया जाता है और उन्हें आवेदन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाती है।
    • योजना का स्मार्ट कार्ड जारी करने के लिए, लाभार्थी को नजदीकी सरकारी कार्यालय, पंचायत भवन या बीमा एजेंट से संपर्क करना होता है।
    • आवेदन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए पंजीकरण केंद्रों पर सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
  3. दस्तावेज़ आवश्यकताएँ:
    • आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची इस प्रकार है:
      • पहचान पत्र: आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र या कोई अन्य सरकारी मान्य पहचान पत्र।
      • गरीबी रेखा प्रमाण पत्र (BPL प्रमाण पत्र): यह प्रमाण पत्र यह सुनिश्चित करता है कि परिवार गरीबी रेखा के नीचे आता है और योजना के लिए योग्य है।
      • परिवार के सदस्यों की फोटो: परिवार के सभी सदस्यों की पासपोर्ट साइज फोटो आवश्यक होती है।
  4. पंजीकरण शिविर:
    • सरकार द्वारा समय-समय पर पंजीकरण शिविरों का आयोजन किया जाता है। ये शिविर लाभार्थियों के निवास के निकट आयोजित किए जाते हैं ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।
    • पंजीकरण शिविर में लाभार्थी सीधे जाकर अपने दस्तावेजों का सत्यापन करवा सकते हैं और तुरंत स्मार्ट कार्ड प्राप्त कर सकते हैं।

इस प्रक्रिया के माध्यम से योजना का लाभ प्राप्त करना सरल और त्वरित है, जिससे गरीब और कमजोर वर्ग के परिवार स्वास्थ्य बीमा का लाभ उठा सकते हैं और आर्थिक संकट से बच सकते हैं।

योजना के लाभ:

  1. आर्थिक सुरक्षा:
    • राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की कैशलेस सेवा गरीब परिवारों को चिकित्सा खर्चों के बोझ से मुक्त करती है। उन्हें इलाज के लिए कर्ज लेने या अपनी बचत को खत्म करने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। बीमारियों के इलाज के कारण होने वाले वित्तीय संकट से बचाव होता है और परिवारों की जीवन गुणवत्ता बेहतर होती है।
  2. स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच:
    • इस योजना का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह गरीब और कमजोर वर्गों को बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है। सरकारी और निजी अस्पतालों के विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से, लाभार्थी उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं, जो उनके स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक है।
  3. आपातकालीन सहायता:
    • चिकित्सा आपातकालीन स्थिति जैसे कि दुर्घटना, गंभीर बीमारी या किसी अन्य अचानक स्वास्थ्य समस्या में योजना के तहत तुरंत इलाज की सुविधा मिलती है। यह त्वरित सहायता जीवन रक्षा सुनिश्चित करती है और गंभीर बीमारियों के मामले में तेजी से उचित उपचार संभव बनाती है।
  4. सामाजिक सुरक्षा का अहसास:
    • इस योजना के माध्यम से गरीब और कमजोर वर्गों को यह विश्वास मिलता है कि उन्हें भी स्वास्थ्य बीमा का कवरेज प्राप्त है। यह सामाजिक सुरक्षा और आत्मविश्वास का अहसास कराता है, जिससे वे बिना किसी भय के अपनी स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रेरित होते हैं।
  5. स्वास्थ्य जागरूकता:
    • योजना के कार्यान्वयन ने समाज के कमजोर वर्गों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई है। अब लोग अपनी बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज करने के बजाय, सही समय पर इलाज कराने के लिए आगे आ रहे हैं। यह जागरूकता स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर उपयोग और लोगों के जीवन स्तर में सुधार में मददगार है।

इन सभी लाभों के माध्यम से राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब और कमजोर वर्ग के परिवारों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है, जिससे वे स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जी सकें।

योजना की चुनौतियां और सुधार की आवश्यकता:

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना ने समाज के कमजोर और गरीब वर्गों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन अभी भी इसे और प्रभावी बनाने के लिए कुछ चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक है। प्रमुख चुनौतियाँ और उनके संभावित सुधार निम्नलिखित हैं:

  1. सूचना का अभाव:
    • चुनौती: दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में योजना की जानकारी का अभाव देखा गया है। बहुत से पात्र लोग योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया से अनभिज्ञ होते हैं, जिससे वे इसका लाभ नहीं उठा पाते।
    • सुधार की आवश्यकता:
      • जागरूकता अभियान चलाकर योजना की जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।
      • ग्राम पंचायतों, आशा कार्यकर्ताओं, और स्थानीय समुदाय समूहों के माध्यम से लोगों को योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया के बारे में जागरूक किया जा सकता है।
      • रेडियो, मोबाइल मैसेजिंग, और ग्रामीण मेलों के माध्यम से भी जागरूकता बढ़ाई जा सकती है।
  2. बीमारियों का सीमित कवरेज:
    • चुनौती: योजना के तहत कुछ गंभीर बीमारियाँ और उच्च लागत वाले इलाज कवर नहीं होते हैं, जिससे लाभार्थियों को अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है।
    • सुधार की आवश्यकता:
      • बीमा कवरेज की सीमा को बढ़ाकर और अधिक बीमारियों, सर्जरी, और उच्च लागत वाले इलाज को शामिल किया जाना चाहिए।
      • विशेष बीमारियों के लिए अतिरिक्त पैकेज और कवरेज विकल्प प्रदान किए जा सकते हैं ताकि गंभीर मामलों में भी लाभार्थी आर्थिक संकट से बच सकें।
  3. प्राइवेट अस्पतालों का कम सहयोग:
    • चुनौती: कई निजी अस्पताल योजना के तहत इलाज करने से हिचकिचाते हैं, जिसके कारण दूरस्थ क्षेत्रों के लोग उच्च गुणवत्ता के इलाज से वंचित रह जाते हैं।
    • सुधार की आवश्यकता:
      • निजी अस्पतालों के साथ बेहतर समन्वय और समझौते स्थापित करके उन्हें योजना के तहत शामिल करना आवश्यक है।
      • अस्पतालों को योजना का हिस्सा बनने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन और आसान भुगतान प्रक्रियाएँ उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
      • निजी अस्पतालों के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता सत्र आयोजित कर उन्हें योजना की प्रक्रियाओं और लाभों से परिचित कराया जा सकता है।
  4. बीमा प्रक्रिया की जटिलता:
    • चुनौती: क्लेम प्रक्रिया कई बार जटिल और समय-consuming होती है, जिसके कारण लाभार्थियों को समय पर इलाज का लाभ नहीं मिल पाता।
    • सुधार की आवश्यकता:
      • बीमा क्लेम प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी, और तेज बनाने के लिए तकनीकी सुधार किए जा सकते हैं, जैसे कि ऑनलाइन क्लेम प्रक्रिया और त्वरित मंजूरी।
      • बीमा एजेंटों और अस्पताल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे लाभार्थियों की सहायता कर सकें और प्रक्रिया को सरल बना सकें।
      • क्लेम प्रक्रिया की नियमित निगरानी और शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत बनाया जाना चाहिए।

इन सुधारों के माध्यम से राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को और अधिक सशक्त और लाभकारी बनाया जा सकता है, जिससे समाज के सभी पात्र वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हो सकें।

निष्कर्ष:

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब और कमजोर वर्गों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इसने न केवल उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच प्रदान की है, बल्कि उनकी आर्थिक सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया है। योजना में सुधार की गुंजाइश है, लेकिन इसे और व्यापक बनाने और अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना समाज के हर व्यक्ति को स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है और देश की समग्र स्वास्थ्य स्थिति में सुधार लाने में सहायक है।

अगर आप या आपका परिवार इस योजना के तहत पात्र हैं, तो अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें और इस योजना का लाभ उठाएं। स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार हर नागरिक का है, और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना इसे सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY) के शीर्ष 20 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) और उनके उत्तर

1. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY) क्या है?
उत्तर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY) भारत सरकार की एक पहल है जो गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करती है। इसका उद्देश्य गरीब और कमजोर वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है।

2. RSBY के तहत कितनी बीमा राशि मिलती है?
उत्तर: RSBY के तहत प्रति परिवार को प्रति वर्ष 30,000 रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है। इसमें अस्पताल में भर्ती, ऑपरेशन, और दवाइयों की लागत शामिल होती है।

3. कौन-कौन इस योजना के पात्र हैं?
उत्तर: गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार, दिहाड़ी मजदूर, घरेलू कामगार, रिक्शा चालक, फेरीवाले, निर्माण श्रमिक, और अन्य सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोग इस योजना के पात्र हैं।

4. RSBY में परिवार के कितने सदस्य शामिल होते हैं?
उत्तर: RSBY योजना में पति-पत्नी और तीन आश्रित (बच्चे या माता-पिता) मिलाकर कुल 5 सदस्य शामिल होते हैं।

5. योजना के तहत कौन-कौन से अस्पताल शामिल हैं?
उत्तर: RSBY के तहत पंजीकृत सरकारी और निजी अस्पताल शामिल हैं, जहां लाभार्थी कैशलेस इलाज का लाभ उठा सकते हैं।

6. RSBY में कैशलेस सुविधा क्या है?
उत्तर: कैशलेस सुविधा के तहत लाभार्थी को इलाज के समय अस्पताल में कोई भुगतान नहीं करना पड़ता। इलाज की सारी लागत योजना के तहत कवर की जाती है।

7. RSBY का स्मार्ट कार्ड क्या है?
उत्तर: RSBY का स्मार्ट कार्ड एक इलेक्ट्रॉनिक कार्ड है जिसमें लाभार्थी के परिवार की जानकारी और बीमा की डिटेल होती है। इसे पंजीकृत अस्पतालों में इलाज के समय उपयोग किया जाता है।

8. RSBY में आवेदन कैसे करें?
उत्तर: आवेदन के लिए नजदीकी सरकारी कार्यालय, पंचायत भवन या बीमा एजेंट के पास संपर्क करें। चयनित परिवारों को स्मार्ट कार्ड जारी किया जाता है।

9. आवेदन के लिए कौन से दस्तावेज़ आवश्यक हैं?
उत्तर: आवेदन के लिए पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी), गरीबी रेखा प्रमाण पत्र (BPL कार्ड) और परिवार के सदस्यों की फोटो की आवश्यकता होती है।

10. RSBY योजना का प्रीमियम कौन भरता है?
उत्तर: RSBY योजना का प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से वहन किया जाता है। लाभार्थियों को केवल नाममात्र का पंजीकरण शुल्क देना होता है।

11. क्या इस योजना का लाभ पूरे देश में मिलता है?
उत्तर: हां, RSBY योजना पूरे देश में लागू है और पंजीकृत अस्पतालों में इसका लाभ लिया जा सकता है।

12. क्या योजना के तहत किसी भी बीमारी का इलाज हो सकता है?
उत्तर: अधिकतर सामान्य और गंभीर बीमारियों का इलाज योजना के तहत कवर होता है, लेकिन कुछ बीमारियाँ और कॉस्मेटिक सर्जरी जैसे कुछ विशेष इलाज शामिल नहीं होते।

13. RSBY योजना में आपातकालीन स्थिति में क्या करना चाहिए?
उत्तर: आपातकालीन स्थिति में, RSBY स्मार्ट कार्ड को निकटतम पंजीकृत अस्पताल में ले जाकर तुरंत इलाज प्राप्त किया जा सकता है। अस्पताल में भर्ती होते ही कैशलेस सेवा शुरू हो जाती है।

14. यदि स्मार्ट कार्ड खो जाए तो क्या करें?
उत्तर: स्मार्ट कार्ड खो जाने की स्थिति में नजदीकी बीमा कार्यालय से संपर्क करें और नए कार्ड के लिए आवेदन करें। कुछ शुल्क देकर कार्ड को पुनः जारी कराया जा सकता है।

15. क्या RSBY का लाभ सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में मिलता है?
उत्तर: RSBY योजना का लाभ केवल उन्हीं सरकारी और निजी अस्पतालों में मिलता है जो इस योजना के तहत पंजीकृत हैं। पंजीकृत अस्पतालों की सूची योजना की वेबसाइट या बीमा कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।

16. क्या योजना के अंतर्गत पहले और बाद के अस्पताल खर्च भी कवर होते हैं?
उत्तर: हां, योजना के तहत अस्पताल में भर्ती से 1 दिन पहले और छुट्टी के बाद 5 दिनों तक के खर्च भी शामिल होते हैं, जिसमें नैदानिक परीक्षण और दवाइयां शामिल हैं।

17. क्या योजना का लाभ निजी नर्सिंग होम में भी लिया जा सकता है?
उत्तर: हां, बशर्ते कि नर्सिंग होम RSBY के तहत पंजीकृत हो। योजना का लाभ केवल पंजीकृत संस्थानों में ही लिया जा सकता है।

18. RSBY में बीमा क्लेम कैसे किया जाता है?
उत्तर: RSBY में बीमा क्लेम की प्रक्रिया लाभार्थी के लिए सीधी और सरल है। इलाज के समय स्मार्ट कार्ड प्रस्तुत करने पर अस्पताल में कैशलेस सेवा मिलती है, जिससे लाभार्थी को खुद क्लेम करने की आवश्यकता नहीं होती।

19. क्या यह योजना वार्षिक रूप से नवीनीकृत होती है?
उत्तर: हां, RSBY योजना का बीमा कवरेज वार्षिक रूप से नवीनीकृत होता है। प्रत्येक वर्ष पात्रता की समीक्षा और पंजीकरण प्रक्रिया दोहराई जाती है।

20. यदि परिवार के किसी सदस्य का नाम सूची में नहीं है तो क्या करें?
उत्तर: यदि परिवार का कोई सदस्य पंजीकृत नहीं है तो बीमा एजेंट या नजदीकी बीमा कार्यालय से संपर्क कर सदस्य को जोड़ने के लिए आवेदन किया जा सकता है। आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन जमा करना होगा