“बीरबल की बुद्धिमत्ता: आधा सच या पूरा झूठ?”
कहानी:
- एक दिन अकबर ने बीरबल से पूछा, “बीरबल, आधा सच और पूरा झूठ में क्या अंतर है?”
- बीरबल ने कहा, “जहाँपनाह, इसका जवाब देने के लिए मुझे एक दिन का समय चाहिए।”
- अकबर ने सहमति जताई, और बीरबल ने अगले दिन दरबार में कुछ नया करने का वादा किया।
- अगले दिन बीरबल दरबार में एक आदमी को ले आया, जिसके आधे सिर के बाल मुंडे हुए थे और आधे में लंबे बाल थे।
- अकबर हैरान होकर बोले, “यह क्या तमाशा है, बीरबल?”
- बीरबल ने उस आदमी से कहा, “जहाँपनाह को बताओ कि तुम्हारे साथ क्या हुआ?”
- आदमी बोला, “जहाँपनाह, इसने कहा कि तुम्हारे बाल आधे मुंडवा दूं, तो मैं राजा को आधा सच बता सकूंगा, लेकिन मैंने नहीं माना।”
- बीरबल ने कहा, “जहाँपनाह, यह आदमी आधा सच मानता है।”
- बीरबल फिर बोला, “अगर मैं इसे पूरे सिर का मुंडन करवा देता, तो यह पूरा झूठ होता, क्योंकि बिना किसी कारण के इसे पूरी तरह बदल देता।”
- अकबर ने हंसते हुए कहा, “समझ गया, बीरबल! आधा सच बताना कई बार पूरा झूठ बोलने से भी बुरा होता है।”
मोरल:
आधा सच अक्सर भ्रम पैदा करता है और सच्चाई को छिपा लेता है, जो कि पूरे झूठ से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।