“बीरबल की बुद्धिमत्ता: आधा सच या पूरा झूठ?”

कहानी:

  1. एक दिन अकबर ने बीरबल से पूछा, “बीरबल, आधा सच और पूरा झूठ में क्या अंतर है?”
  2. बीरबल ने कहा, “जहाँपनाह, इसका जवाब देने के लिए मुझे एक दिन का समय चाहिए।”
  3. अकबर ने सहमति जताई, और बीरबल ने अगले दिन दरबार में कुछ नया करने का वादा किया।
  4. अगले दिन बीरबल दरबार में एक आदमी को ले आया, जिसके आधे सिर के बाल मुंडे हुए थे और आधे में लंबे बाल थे।
  5. अकबर हैरान होकर बोले, “यह क्या तमाशा है, बीरबल?”
  6. बीरबल ने उस आदमी से कहा, “जहाँपनाह को बताओ कि तुम्हारे साथ क्या हुआ?”
  7. आदमी बोला, “जहाँपनाह, इसने कहा कि तुम्हारे बाल आधे मुंडवा दूं, तो मैं राजा को आधा सच बता सकूंगा, लेकिन मैंने नहीं माना।”
  8. बीरबल ने कहा, “जहाँपनाह, यह आदमी आधा सच मानता है।”
  9. बीरबल फिर बोला, “अगर मैं इसे पूरे सिर का मुंडन करवा देता, तो यह पूरा झूठ होता, क्योंकि बिना किसी कारण के इसे पूरी तरह बदल देता।”
  10. अकबर ने हंसते हुए कहा, “समझ गया, बीरबल! आधा सच बताना कई बार पूरा झूठ बोलने से भी बुरा होता है।”

मोरल:

आधा सच अक्सर भ्रम पैदा करता है और सच्चाई को छिपा लेता है, जो कि पूरे झूठ से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।