“बीरबल की चालाकी: चोर की पहचान”

कहानी:

  1. एक दिन एक व्यापारी दरबार में आया और शिकायत की, “जहाँपनाह, मेरे गोदाम से बहुत सारा सामान चोरी हो गया है।”
  2. अकबर ने बीरबल से मामले की जांच करने को कहा।
  3. बीरबल ने गोदाम के सभी कर्मचारियों को बुलाया और कहा, “सभी को एक-एक पत्ते पर अपने नाम लिखकर बताओ कि कौन-कौन यहाँ काम करता है।”
  4. कर्मचारियों ने पत्तों पर नाम लिखे और बीरबल ने सब पत्ते एक डिब्बे में डाल दिए।
  5. फिर बीरबल ने कहा, “अब मैं एक विशेष वस्त्र पहनूँगा और जो भी वस्त्र पहनकर आएगा, वही चोर होगा।”
  6. अगले दिन, एक कर्मचारी वस्त्र पहनकर आया और बीरबल ने उसे तुरंत पहचान लिया।
  7. अकबर ने पूछा, “बीरबल, तुमने चोर को कैसे पहचाना?”
  8. बीरबल ने कहा, “जहाँपनाह, चोर वही आया जिसने अपने नाम का पत्ता और वस्त्र एक ही रंग में डाला था, ताकि उसकी पहचान आसान हो जाए।”

मोरल:

सच्चाई और चतुराई से किसी भी समस्या का हल पाया जा सकता है। धैर्य और समझदारी से समस्या का समाधान करना चाहिए।

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