“बीरबल की चालाकी: चोर की पहचान”
कहानी:
- एक दिन एक व्यापारी दरबार में आया और शिकायत की, “जहाँपनाह, मेरे गोदाम से बहुत सारा सामान चोरी हो गया है।”
- अकबर ने बीरबल से मामले की जांच करने को कहा।
- बीरबल ने गोदाम के सभी कर्मचारियों को बुलाया और कहा, “सभी को एक-एक पत्ते पर अपने नाम लिखकर बताओ कि कौन-कौन यहाँ काम करता है।”
- कर्मचारियों ने पत्तों पर नाम लिखे और बीरबल ने सब पत्ते एक डिब्बे में डाल दिए।
- फिर बीरबल ने कहा, “अब मैं एक विशेष वस्त्र पहनूँगा और जो भी वस्त्र पहनकर आएगा, वही चोर होगा।”
- अगले दिन, एक कर्मचारी वस्त्र पहनकर आया और बीरबल ने उसे तुरंत पहचान लिया।
- अकबर ने पूछा, “बीरबल, तुमने चोर को कैसे पहचाना?”
- बीरबल ने कहा, “जहाँपनाह, चोर वही आया जिसने अपने नाम का पत्ता और वस्त्र एक ही रंग में डाला था, ताकि उसकी पहचान आसान हो जाए।”
मोरल:
सच्चाई और चतुराई से किसी भी समस्या का हल पाया जा सकता है। धैर्य और समझदारी से समस्या का समाधान करना चाहिए।