“बीरबल का न्याय: खोई हुई अंगूठी”

कहानी:

  1. एक दिन, अकबर अपनी अंगूठी को खोजते हुए चिंतित हो गए और दरबार में बोले, “मेरी अंगूठी गायब हो गई है।”
  2. दरबारी सभी परेशान हो गए और एक-दूसरे पर शक करने लगे।
  3. अकबर ने बीरबल से कहा, “बीरबल, इस समस्या का समाधान करो।”
  4. बीरबल ने सभी दरबारियों को बुलाया और कहा, “एक बर्तन में पानी भर दो।”
  5. फिर उसने कहा, “अब सभी दरबारी अपनी अंगूठी इस पानी में डाल दें।”
  6. जैसे ही सभी ने ऐसा किया, बीरबल ने देखा कि एक दरबारी पानी में अपना हाथ छिपा रहा है।
  7. बीरबल ने उस दरबारी से पूछा, “तुम्हारा हाथ क्यों छिपा है?”
  8. दरबारी ने झिझकते हुए कहा, “मेरा हाथ ठंडा हो रहा है।”
  9. बीरबल ने कहा, “तुम्हारे ठंडे हाथ से साफ है कि तुमने मेरी अंगूठी चुराई है।”
  10. दरबारी ने अपनी गलती कबूल कर ली और अंगूठी लौटाई।

मोरल:

सच्चाई हमेशा सामने आ ही जाती है, चाहे कितनी भी कोशिश की जाए उसे छुपाने की।